पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में भले ही सीजफायर हो गया हो, लेकिन तनाव अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. क्योंकि पाकिस्तान भरोसेमंद देश नहीं है, वो कभी भी सीजफायर का उल्लंघन कर सकता है. हालांकि भारत पाक तनाव के बीच दुनिया ने भारत के फाइटर जेट्स की भी ताकत देखी है. वहीं विदेशी फाइटर जेट भी खूब चर्चा में रहे हैं. इनकी कीमत अरबों डॉलर में होती है. चलिए आज फाइटर जेट्स की खूबी जानते हैं और उनकी एक सीट की कीमत भी जान लेते हैं.
क्या होती है इजेक्शन सीट
ज्यादातर फाइटर जेट्स में इजेक्शन सीटें लगी होती हैं, जो कि आपातकालीन स्थिति में पायलट की जान बचाने का काम करती हैं. इन सीटों के जरिए पायलट को बाहर निकालने के लिए डिजाइन किया गया है. दरअसल यह एक रॉकेट-आधारित प्रणाली पर काम करती है. जो कि पायलट को सीट के साथ तेजी से बाहर फेंक देती है, जिससे कि अगर विमान दुर्घटनाग्रस्त होने वाला हो तो पायलट की जान सुरक्षित तरीके से बच जाए.
कितने की होती है इजेक्शन सीट
सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध जानकारी के अनुसार मार्टिन बेकर 140,000-400,000 डॉलर में एक इजेक्शन सीट बेचता है. यह एक ब्रिटिश कंपनी है जो कि एयरक्राफ्ट विमानों के लिए इजेक्शन सीट और सुरक्षा संबंधी उपकरण बेचती है. हालांकि इससे पहले यह कंपनी विमान बनाने का काम करती थी. इन इजेक्शन सीट को इस तरीके से डिजाइन किया जाता है कि जिससे कि पायलट की जान हर हाल में बचाई जा सके. लेकिन कुछ केसेज में पायलट की मौत भी हो जाती है.
इजेक्शन सीट कैसे काम करती है
जब पायलट खतरे में होता है तो वह इजेक्शन सीट के हैंडल को खींचता है. इसके जरिए रॉकेट इंजन शुरू हो जाता है, जो कि सीधे पायलट को ऊपर की ओर पुश करता है. पायलट के सीट से निकलते ही एक ड्रोग गन फायर होती है, जो कि छोटा सा पैराशूट खोल देती है, इसके बाद मुख्य पैराशूट खुल जाता है और पायलट सकुशल धरती पर लैंड कर जाता है. जैसे कि MK-16 इजेक्शन सीट का मार्टिन बेकर बनाते हैं. ACES 5 सीट आधुनिक जेट में इस्तेमाल की जाती है. K-36D सीट Mig-29 जैसे विमानों में इस्तेमाल की जाती है.
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