Home Construction Cost: अगर आप भी अपना घर बनाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. दरअसल केंद्र सरकार द्वारा निर्माण सामग्री पर जीएसटी दरों में कटौती की गई है. इस कटौती के बाद सीमेंट, ईंट और बजरी जैसी सामग्रियों की कीमतों में काफी ज्यादा गिरावट आई है. हालांकि सरिया की कीमतों में कोई खास कमी देखने को नहीं मिली लेकिन इसके बावजूद भी अब अपना घर बनाने में जेब पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. आइए जानते हैं कि अब घर बनवाने में कितनी बचत हो पाएगी.

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निर्माण सामग्री पर जीएसटी दर में बदलाव

सीमेंट पर पहले 28% जीएसटी लगता था लेकिन अब 18% कर दिया गया है. इसके बाद निर्माण की कुल लागत में काफी ज्यादा कमी आई है क्योंकि निर्माण के खर्चे में सीमेंट का हिस्सा 15 से 20% होता है. वहीं अगर सरिया की बात करें तो उसे पर 18% का जीएसटी अभी भी कायम है. इसी के साथ बजरी पर भी 18% जीएसटी दर बरकरार है. इसी के साथ अगर ईंटों की बात करें तो इस पर 12% से घटकर 5% कर दिया गया है. 

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घर निर्माण में संभावित बचत 

जीएसटी दर में कटौती के बाद घर बनाने की कुल लागत में 5% तक की कमी आ सकती है. जैसे 1000 वर्ग फुट का घर बनाने में 50 हजार से 1 लाख तक की बचत हो सकती है. आपको बता दें कि वास्तविक बचत, निर्माण सामग्री कंपनियों की मूल्य निर्धारण नीति, शहर और स्थान और निर्माण के प्रकार पर भी आधारित होता है. अगर अच्छी क्वालिटी की सामग्री लगा रहे हैं तो आपकी बचत थोड़ी कम हो सकती है. 

ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभाव

जीएसटी कटौती का सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेगा. स्थानीय सामग्रियों का इस्तेमाल और कम परिवहन खर्च की वजह से गांव में निर्माण लागत में 15 से 20% तक की कमी आई है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी की लागत कम है जिस वजह से घर बनाने की योजना बना रहे परिवारों की बचत और ज्यादा बढ़ जाती है. 

शहरों में घर बनाना 

शहरों में घर बनाने की लागत में कमी थोड़ी सी कम है. यहां 10 से 15% के बीच कमी आएगी. ज्यादा परिवहन शुल्क, बढ़ी हुई मजदूरी और बाकी शहरी खर्च जीएसटी कटौती के प्रभाव को कम करते हैं. लेकिन इसके बावजूद भी यह गिरावट अभी भी काफी है.

भारत भर में घर निर्माण को प्रोत्साहन 

जीएसटी दर में कटौती के बाद सामग्री की लागत में तो कमी आएगी ही, साथ ही देशभर में निर्माण गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा. शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में घर के मालिकों को अब निर्माण परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक बड़ा मौका मिल रहा है.

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