दिवाली के मौके पर टोल कर्मचारियों को सिर्फ 1100 रुपये का बोनस मिलने से नाराज होकर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के फतेहाबाद टोल पर हंगामा मच गया. कर्मचारियों ने विरोध स्वरूप टोल गेट खोल दिए, जिससे घंटों तक हजारों वाहन बिना कोई शुल्क चुकाए गुजरते रहे. इस कारण कंपनी को लाखों रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में किया और अधिकारियों तथा कर्मचारियों के बीच बातचीत कर समझौता कराया. यहां पर सवाल यह है कि आखिर एक-दो घंटे में टोल प्लाजा मालिक कितने रुपये कमा लेते हैं? चलिए जानें.

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दो घंटे में कितने कमाते हैं टोल मालिक?

अगर आप अक्सर हाईवे पर सफर करते हैं, तो हर बार टोल प्लाजा पर कुछ टैक्स देना आम बात है. लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि इन टोल बूथों से आखिर कितनी भारी कमाई होती है? भारत में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के आंकड़ों के मुताबिक, देश के कुछ प्रमुख टोल प्लाजाओं की आमदनी इतनी ज्यादा है कि सिर्फ दो घंटे में ही मालिक लाखों रुपये कमा लेते हैं. देशभर में लगभग 850 से ज्यादा टोल प्लाजा काम कर रहे हैं, जो हर दिन करोड़ों रुपये की कमाई करते हैं.

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लगभग कितनी है दैनिक आय?

एक औसत टोल प्लाजा पर प्रति दिन लगभग 20,000 से 50,000 वाहन गुजरते हैं. अगर हम इसका हिसाब लगाएं तो केवल दो घंटे में ही टोल प्लाजा से 2 लाख से 5 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है. यह आंकड़ा उस इलाके की ट्रैफिक डेंसिटी और टोल रेट पर निर्भर करता है. उदाहरण के तौर पर, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे या यमुना एक्सप्रेसवे जैसे व्यस्त हाईवे पर वाहनों की संख्या बेहद ज्यादा होती है. यहां पर कारों से 80 से 120, बसों से 250 और ट्रकों से 400 रुपये तक टोल लिया जाता है. दिनभर में हजारों गाड़ियां इन रास्तों से गुजरती हैं, जिससे कुछ टोल प्लाजाओं की दैनिक आय 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है.

कितने साल तक वसूल सकते हैं टोल?

यह पूरी कमाई सीधे टोल प्लाजा के मालिक या उस कंपनी के पास जाती है, जिसे NHAI ने संचालन का अधिकार दिया होता है. ज्यादातर टोल बूथ पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर चलते हैं. यानी सरकार सड़क बनवाने के बाद किसी निजी कंपनी को टोल वसूलने की अनुमति देती है, ताकि वह निवेश की लागत और मुनाफा निकाल सके. यह अवधि आमतौर पर 15 से 30 साल तक की होती है.

सबसे ज्यादा कमाई किस टोल प्लाजा पर?

NHAI की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले टोल प्लाजा में मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, दिल्ली-गुरुग्राम टोल, होसूर रोड टोल और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे टोल शामिल हैं. इन जगहों पर वाहनों की भारी भीड़ के कारण सिर्फ दो घंटे में 10 लाख तक की कमाई हो जाती है. यही कारण है कि कई निजी कंपनियां टोल प्रोजेक्ट में निवेश को एक स्थिर और लंबे समय का मुनाफे वाला बिजनेस मानती हैं.

टोल मालिकों की कमाई में इजाफा

दिलचस्प बात यह है कि डिजिटल पेमेंट्स और FASTag सिस्टम लागू होने के बाद टोल कलेक्शन की स्पीड और पारदर्शिता दोनों बढ़ी हैं. अब टोल प्लाजा पर नकद लेन-देन कम हो गया है, जिससे करप्शन और समय की बर्बादी में कमी आई है. इससे टोल मालिकों की कमाई में भी इजाफा हुआ है, क्योंकि ट्रैफिक स्मूद फ्लो में चलता है और अधिक वाहन कम समय में गुजर जाते हैं.

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