हर साल मच्छरों के काटने से हजारों लोगों की मौत हो जाती है और लाखों लोग अलग-अलग बीमारी की चपेट में आ जाते हैं. National Public Radio की एक रिपोर्ट के अनुसार, मच्छर का काटना बाकी कई जानवरों के काटने से कई गुना ज्यादा खतरनाक होता है. हालांकि, नर मच्छर लोगों को नहीं काटते, सिर्फ मादा मच्छर ही प्रजनन के लिए लोगों को अपना शिकार बनाती हैं. मादा मच्छर जब अपने अंडों के विकास के लिए हमारा खून चूसती है तो वह हमें कई तरह की बीमारी भी दे जाती है, जैसे कि मलेरिया, डेंगू और जीका. चलिए, आपको बताते हैं कि कैसे मच्छर आपका खून चूसते हैं और उसका पूरा चीरने-फाड़ने से लेकर खून पीने तक प्रोसेस कैसे होता है. कैसे पीते हैं खून?
रिपोर्ट्स के अनुसार, रिसर्चर ने मच्छरों के काटने से होने वाले प्रभाव का अध्ययन किया है. मच्छर का मुंह जिसे सूंड कहा जाता है, वह बस एक छोटे भाले जैसा नहीं होता कि आपके शरीर में चुभाया और खून निकाल लिया. NPC की रिपोर्ट के अनुसार, यह एक तरह से डेवलेप सिस्टम होता है, जिसमें छह पतले से सुई नुमा मुंह के भाग होते हैं, जिसे वैज्ञानिक स्टाइललेट्स कहते हैं. इससे मच्छर आपके शरीर की स्किन में छेद करते हैं, जिससे ब्लड वेसेल्स से मच्छरों को खून निकालने में आसानी होती है.
ये होता है पूरा प्रोसेस
मच्छरों के शरीर में 150 से ज्यादा रिसेप्टर होते हैं. ये रिसेप्टर उनके सिर की सूंड और एंटीना पर होते हैं. ये मच्छर को यह समझने में मदद करते हैं कि सामने वाले इंसान का खून चूसने लायक है या नहीं और पानी लार्वा के पनपने के लिए सही है या नहीं. जब मादा मच्छर हमें काटती है, तो उसकी एक नरम सी चमड़ी जैसी परत ऊपर मुड़ जाती है और बाहर ही रहती है. इसके बाद मच्छर अपनी 6 पतली-पतली सुई जैसी चीजें हमारी त्वचा के अंदर डालती है, इन सुई जैसी चीजों में से दो के आगे बहुत छोटे-छोटे दांत होते हैं, जिनसे मच्छर हमारी त्वचा को काटकर खून निकाल पाती है.
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