अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के प्लेन क्रेश ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है, विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की दर्दनाक तरीके से मौत हो गई थी. इसके अलावा अन्य मौतों को मिलाकर मरने वाले लोगों का आंकड़ा 275 पहुंच गया था. इस तरह के हादसे समय समय पर पूरी दुनिया में होते रहते हैं, जिसमें हर साल हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं. चलिए, आपको हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान के बारे में बताते हैं कि पाकिस्तान के रिहासशी इलाकों में कितनी बार गिर चुके हैं प्लेन और सबसे बड़ा हादसा अब तक का कौन सा है. 

पाकिस्तान का सबसे बड़ा विमान हादसा

एयरक्राफ्ट क्रैश रिकॉर्ड ऑफिस के अनुसार, पाकिस्तान में अब तक 80 से ज्यादा विमान हादसे हुए हैं. हवाई दुर्घटनाओं के आंकड़े जुटाने वाली इस संस्था की रिपोर्ट के अनुसार, इन हवाई हादसों में कम से कम एक हजार लोगों की मौत भी दर्ज की गई है. पाकिस्तान में सबसे बड़ा प्लेन हादसा 28 जुलाई 2010 को हुआ था. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पास हुए इस विमान हादसे में 152 लोगों की मौत हुई थी. यह एक पाकिस्तानी प्राइवेट विमान कंपनी का एयरबस ईडी 202 विमान था, जिसने लाहौर से इस्लामाबाद के लिए उडान भरी थी.

दूसरा और तीसरा सबसे बड़ा विमान हादसा

साल 2012 में पाकिस्तान के अंदर दूसरा सबसे बड़ा विमान हादसा हुआ था. 20 अप्रैल को हुए इस विमान हादसे में 127 लोगों की मौत हुई थी. यह विमान भोजा एयरलाइंस का बोइंग 737 विमान था. इस विमान कराची के जिन्ना एयरपोर्ट से उड़ा था और इसे इस्लामाबाद के बेनजीर भुट्टो इंटरनशनल एयरपोर्ट पर उतरना था. इस्लामाद पहुंचने से पहले चकलाला एयरबेस के पास यह विमान क्रेश हो गया. 22 मई 2020 को पाकिस्तान में तीसरा सबसे बड़ा विमान हादसा हुआ था, जिसमें लैंडिग से पहले विमान रिहायशी इलाके में जाकर क्रैश हो गया. इस विमान में 98 लोग सवार थे, सभी लोग मारे गए थे. इस हादसे के दौरान 25 घरों को भी काफी नुकसान हुआ था. 

पूरी दुनिया में हर साल कितने विमान हादसे

अगर पूरी दुनिया की बात की जाए तो 2023 में करीब 37 मिलियन उड़ानों पर सामान्य हादसों की दर 0.8 प्रति मिलियन, यानि 1.26 मिलियन उड़ानों में 1 हादसा दर्ज हुआ था. वहीं, 2022 में यह दर थी लगभग 1.13 प्रति मिलियन, या लगभग 8,26,088 उड़ानों में 1 हादसा था. अगर साल 2005 और 2024 की बात करें तो इन हादसों में काफी सुधार देखी गई है.  इस दौरान हादसों की  दर 3.72 से घट कर 1.13 हुई. एयरलाइंस कंपनियां लगातार विमान हादसों को कम करने के लिए काम कर रही है, ताकि इससे होने वाली मौतों को रोका जा सके. 

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