Indian Railways: भारत में रेलगाड़ी लाखों लोगों के लिए यात्रा की एक जीवन रेखा है.  भारतीय रेलवे अलग-अलग राज्यों के लोगों को जोड़ने में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है. इसी के साथ भारतीय रेलवे तकनीकी रूप से भी प्रगति कर रहा है. आईआरसीटीसी की शुरुआत ने भारतीयों के ट्रेन टिकट बुक करने के तरीकों को काफी ज्यादा बदल दिया है. अब रेलवे काउंटर पर लंबी कतारों में नहीं खड़ा होना पड़ता, बल्कि स्मार्टफोन या फिर कंप्यूटर पर कुछ क्लिक से ही टिकट बुक हो जाते हैं. लेकिन सवाल यह उठता है कि सरकार आईआरसीटीसी के जरिए एक दिन में कितने टिकट बेचती है? आइए जानते हैं.

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आईआरसीटीसी की दैनिक टिकट बिक्री 

रेल मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक आईआरसीटीसी हर दिन 1.3 से 1.4 मिलियन ट्रेन टिकट बेचता है. हालांकि त्योहार और छुट्टियों जैसे व्यस्त यात्रा सीजन के दौरान यह आंकड़ा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में अप्रैल से जून की पहली तिमाही में आईआरसीटीसी ने हर रोज औसतन 1.388 मिलियन टिकट बुक किए. 

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जबरदस्त दैनिक आय

आपको बता दें कि भारतीय रेलवे का कुल दैनिक राजस्व यात्री भार, माल ढुलाई और मौसमी रोजाना के आधार पर 400 करोड़ से 600 करोड़ के बीच होता है. इसमें से यात्री टिकट बिक्री का योगदान काफी ज्यादा बड़ा है, जिसमें आईआरसीटीसी ऑनलाइन बुकिंग एक बड़ी भूमिका निभाता है.

टिकट बिक्री से परे आईआरसीटीसी कैसे कमाता है 

सिर्फ टिकट बुकिंग प्लेटफार्म के रूप में ही नहीं बल्कि आईआरसीटीसी अलग-अलग स्रोतों से कमाई करता है. जैसे सुविधा शुल्क जो कि हर ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर लिया जाता है, आईआरसीटीसी की दैनिक आय में एक स्थिर वृद्धि करता है. इसी के साथ ट्रेनों और स्टेशनों पर खाद्य और पेय सेवाएं एक बड़ा योगदान देती हैं. 

इतना ही नहीं बल्कि आईआरसीटीसी तीर्थ यात्राएं, भारत गौरव ट्रेन और बाकी यात्रा पैकेज प्रदान करता है जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. इसी के साथ आईआरसीटीसी वेबसाइट मोबाइल ऐप और ट्रेन में उपलब्ध स्थानों का इस्तेमाल विज्ञापनों के लिए किया जाता है.

मौसमी और त्योहारी प्रभाव 

टिकट बुकिंग और राजस्व पूरे साल स्थिर नहीं रहते. दरअसल दिवाली, होली और दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्योहार या फिर गर्मी की छुट्टियों के दौरान मांग काफी ज्यादा बढ़ जाती है. इससे टिकट बिक्री और राजस्व दोनों में बढ़ोतरी देखने को मिलती है. आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप हर रोज लाखों उपयोगकर्ताओं को संभालते हैं.

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