Rahul Gandhi Hydrogen Bomb: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. अनुमान है कि वे कथित वोट चोरी पर बड़े खुलासे करेंगे. इससे पहले पटना में उन्होंने कहा था कि कांग्रेस इस मुद्दे पर ‘हाइड्रोजन बम’ फोड़ने की तैयारी कर रही है, जिससे राजनीति में हलचल मच सकती है. इसी क्रम में चलिए जान लेते हैं कि आखिर कितने देशों के पास हाइड्रोजन बम है और यह एटम बम से कितना खतरनाक होता है.

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सबसे खतरनाक हथियार कौन सा?

अगर कभी पूछा जाए कि सबसे विनाशकारी हथियार कौन सा है, तो ज्यादातर लोग तुरंत परमाणु बम का नाम लेंगे. इतिहास में हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए हमलों की भयावह तस्वीरें आज भी दिमाग में ताजा हो जाती हैं कि हर तरफ बिखरी हुई लाशें, राख हुई इमारतें और पीड़ितों की वह लंबी सूची जिसने मानवता को सिहरन में डाल दिया था. हालांकि युद्धशास्त्र में परमाणु बम का स्थान भले ही अलग हो, पर विज्ञान बताता है कि उससे भी अधिक प्रचण्ड अस्त्र मौजूद है, जिसका नाम है हाइड्रोजन बम, जिसे थर्मोन्यूक्लियर बम भी कहा जाता है.

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कितना शक्तिशाली है हाइड्रोजन बम

हाइड्रोजन बम की शक्ति किसी भी पारंपरिक परमाणु विस्फोट से कहीं अधिक मानी जाती है. सरल शब्दों में कहा जाए तो यह परमाणु विखंडन के साथ-साथ नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया का इस्तेमाल करता है, और यही कारण है कि इसके प्रभाव कई गुना बढ़ जाते हैं. वैज्ञानिक अनुमान और परीक्षणों के आधार पर इसकी ऊर्जा परमाणु बम की तुलना में हजारों गुना अधिक हो सकती है, जिसका तात्पर्य है व्यापक स्तर पर तबाही और लंबे समय तक रेडियोलोजिकल इफेक्ट.

हाइड्रोजन बम फटा तो क्या होगा?

इस तरह के विस्फोट के तात्कालिक परिणामों में अत्यधिक गर्मी और प्रकाश, बहुत तेज शॉकिंग वेव और व्यापक विनाश शामिल हैं. इसके फटते ही इतनी तेज रोशनी पैदा होती है कि आसपास के लोग स्थायी रूप से अंधे तक हो सकते हैं. शॉकिंग वेव्स से इमारतें ध्वस्त हो सकती हैं और एक भारी एरिया में आग फैल सकती है. साथ ही रेडियोएक्टिव कण मिट्टी, पानी और हवा में फैलकर वर्षों तक मानवीय जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं.

किन देशों के पास हैं हाइड्रोजन बम

वैश्विक स्तर पर हाइड्रोजन बम केवल कुछ देशों के पास सीमित हैं और इनके अस्तित्व ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीति पर गहरा प्रभाव डाला है. हाइड्रोजन बम सिर्फ अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान और इजराइल के पास हैं.

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