भारत से हर साल लाखों लोग दूसरे देशों की यात्रा पर जाते हैं. इनमें से कुछ घूमने के लिए जाते हैं. वहीं कुछ लोग पढ़ाई, नौकरी और बिजनस के लिए जाते हैं. दुनियाभर के अधिकांश देशों में जाने के लिए वीजा की जरूरत होती है. बिना वीजा के आप वहां पर नहीं जा सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फास्ट ट्रैक वीजा क्या होता है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.

क्या होता है वीजा ?

सबसे पहले ये जानते हैं कि वीजा क्या होता है? बता दें कि वीजा किसी दूसरे देश में एंट्री करने का आधिकारिक दस्तावेज होता है. यह तय समयसीमा के लिए जारी किया जाता है. आप जिस देश में जा रहे हैं, वहां कितने दिन तक रह सकते हैं, यह वीजा के जरिए ही निर्धारित होता है. इसकी अवधि समाप्त होने पर आपको उस देश को छोड़ना पड़ता है. ऐसा नहीं करने पर वो देश आपके ऊपर कार्रवाई कर सकती है.

विदेश जाने के लिए वीजा की जरूरत

किसी भी दूसरे देश जाने के लिए वीजा की जरूरत होती है. वीजा जारी करने का हर देश का अपना-अपना नियम होता है. बात जब भारत की आती है तो यहां 11 तरह के वीजा जारी किए जाते हैं, जिसमें टूरिस्ट वीजा, बिजनेस वीजा, ट्रांसिट वीजा, जर्नलिस्ट वीजा, एंट्री वीजा, ऑन अराइवल वीजा, पार्टनर वीजा है.

फास्ट ट्रैक वीजा क्या है?

अब सवाल ये है कि फास्ट ट्रैक वीजा क्या होता है और ये कितने दिनों में मिलता है. बता दें कि फ़ास्ट ट्रैक वीज़ा दरअसल वीज़ा प्रोसेसिंग की एक प्रीमियम सेवा है. यह सेवा कुछ वीज़ा आवेदकों को प्राथमिकता से वीज़ा जारी करने की सुविधा देती है. फ़ास्ट ट्रैक वीज़ा के लिए आवेदन करने के लिए आवेदक को फ़ॉर्म भरना होता है और फ़ास्ट ट्रैक शुल्क देना होता है. 

कुछ खास देशों के लिए होती है ये सुविधा

बता दें कि कोई भी देश कुछ खास देशों के लिए फास्ट ट्रैक वीजा की सुविधा देता है. जिसके जरिए आवेदकों को बहुत कम समय में वीजा मिल जाता है. इसके अलावा इसमें भी कैटगरी होती है. जैसे कि विज़िटर वीज़ा, स्टूडेंट वीज़ा, कुशल श्रमिकों के लिए वीज़ा होता है. आसान भाषा में आप समझ सकते हैं कि फ़ास्ट ट्रैक वीज़ा, वीज़ा प्रोसेसिंग की प्रक्रिया को तेज़ करता है. हालांकि इसके लिए आवेदकों को अलग से शुल्क भी देना होता है. 

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