आंसू, मानव शरीर की एक बहुत ही खास अभिव्यक्ति हैं जो हमारे अंदर की भावनाओं को बताते हैं. चाहे हम खुशी में रोएं या दुख में, आंसू हमारे मन की गहराईयों से जुड़े होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वैज्ञानिकों ने आंसुओं के बारे में कई दिलचस्प तथ्य खोजे हैं? चलिए जानते हैं कि कैसे आंसुओं के जरिये हम खुशी और दुख के बीच अंतर कर सकते हैं.

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कितने प्रकार के होते हैं आंसू?

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आपको जानकर हैरानी होगी कि आंसू भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं. इनमें तीन खास हैं.

बेसल आंसू: ये आंसू आंखों को चिकनाई देने और धूल-मिट्टी से बचाने का काम करते हैं. ये भावनाओं से जुड़े नहीं होते हैं.

रिफ्लेक्स आंसू: प्याज काटने या धूल जाने पर निकलने वाले आंसू रिफ्लेक्स आंसू कहलाते हैं. ये भी भावनाओं से जुड़े नहीं होते हैं.

भावनात्मक आंसू: खुशी, दुख, गुस्सा या किसी अन्य भावना के कारण निकलने वाले आंसू भावनात्मक आंसू कहलाते हैं.

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क्यों निकलते हैं भावात्मक आंसू?

वैज्ञानिकों ने भावनात्मक आंसुओं पर कई अध्ययन किए हैं। इन अध्ययनों से पता चला है कि खुशी और दुख के आंसुओं में कुछ रासायनिक अंतर होते हैं। उदाहरण के लिए, दुख के आंसुओं में स्ट्रेस हार्मोन का स्तर ज्यादा होता है, जबकि खुशी के आंसुओं में एंडोर्फिन का स्तर ज्यादा होता है। एंडोर्फिन एक प्राकृतिक दर्द निवारक है जो हमें खुशी का अनुभव कराता है.

आंसुओं से भावनाओं का कैसे पता चलता है?

हालांकि, केवल आंसुओं के आधार पर किसी की भावनाओं का सटीक पता लगाना मुश्किल है. कई अन्य चीजें भी होते हैं जो किसी व्यक्ति की भावनाओं को प्रभावित करती हैं, जैसे कि चेहरे के भाव, शरीर की भाषा और आवाज.                                                                                                                               

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