होली के लिए शहर से लेकर गांव देहात के बाजारों और चौराहे पर रंग, अबीर व पिचकारी की दुकानें सज चुकी हैं. लेकिन होली के दौरान अक्सर रंग डालने से जेब में मौजूद नोट रंगीन हो जाते हैं. जिसके बाद कई बार इन नोटों को दुकानदार लेने से मना कर देते हैं. क्या आप जानते हैं कि इन नोटों को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के क्या नियम हैं? आखिर बाजार में इन नोटों को कैसे चलाया जा सकता है. 


रंगीन नोट


बुरा ना मानो होली है. होली के दौरान अक्सर लोग होली का रंग डालने के बाद ये बात कहते हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि जब आप ऑफिस या किसी जरूरी काम से बाहर जा रहे होते हैं, तो आपके ऊपर कोई बच्चा या बड़ा रंग डाल देता है. जिससे कपड़ों के साथ जेब में मौजूद नोट भी रंगीन हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में जब आप इन नोट को किसी दुकानदार को देते हैं, तो वो अक्सर मना कर देते हैं. लेकिन जब आप उन्हें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का नियम बताएंगे तो वो इन नोट को लेने से मना नहीं कर सकते हैं. क्योंकि आरबीआई का नियम है कि कलर लगे हुए नोट को लेने से कोई भी दुकानदार मना नहीं कर सकता है.    
फटे नोट


होली के दौरान कई बार ऐसा भी होता है कि पानी पड़ने के बाद नोट फट जाते हैं. ऐसी स्थिति में आप रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियम के मुताबिक देश के सभी बैंकों में पुराने फटे, मुड़े हुए नोट को लेकर जाकर बदल सकते हैं. इसके लिए बैंक द्वारा कोई शुल्क नहीं लिया जाता है. इसके अलावा इसके लिए उस बैंक का ग्राहक होना भी जरूरी नहीं है.


नोट के कितने पैसे वापस मिलेंगे


किसी भी फटे हुए नोट को बैंक में बदलने पर बैंक आपको उस नोट की स्थिति के मुताबिक पैसा वापस करता है. उदाहरण के लिए 2000 रुपये के नोट का 88 वर्ग सेंटीमीटर (सीएम) होने पर पूरा पैसा मिलेगा. लेकिन 44 वर्ग सीएम पर आधा ही मूल्य मिलेगा. इसी तरह 200 रुपये फटे नोट में 78 वर्ग सीएम हिस्सा देने पर पूरा पैसा मिलेगा, लेकिन 39 वर्ग सीएम पर आधा पैसा ही मिलता है. बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमानुसार हर बैंक को पुराने, फटे या मुड़े नोट स्वीकार करने होंगे बशर्ते वह नकली नहीं होने चाहिए. 


 


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