Jews Holocaust: इजरायल और चरमपंथी संगठन हमास के लड़ाकों के बीच पिछले करीब 14 दिनों से जंग जारी है, दोनों तरफ से बमबारी हो रही है और मासूम लोगों की मौत हो रही है. अब तक इस युद्ध में करीब 5 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. इस जंग के बाद इजरायल और यहां रहने वाले यहूदी काफी चर्चा में हैं. यहूदियों का इतिहास भी काफी दिलचस्प और दर्दनाक रहा है, जिसके बाद उन्होंने दुनिया में खुद को मजबूत करने का काम किया और आज इजरायल तमाम दुश्मनों से घिरा होने के बावजूद सुरक्षित खड़ा है. आज हम आपको यहूदियों के उस नरसंहार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे हिटलर ने अंजाम दिया था. 


हिटलर ने मचाया कत्लेआम
हिटलर जर्मनी में चुना गया एक नेता था, यानी चुनाव जीतकर सत्ता में आया. इसके बाद उसने जर्मनी में उग्र राष्ट्रवाद को हवा देने का काम किया और नाजी विचारधारा विकसित हुई. हिटलर सत्ता पाने के कुछ ही समय बाद एक बड़े तानाशाह के तौर पर उभर गया, उसके बाद उसने वो कत्लेआम मचाया जसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया. यही वजह है कि हिटलर को इतिहास का सबसे बड़ा और क्रूर तानाशाह माना जाता है. 


यहूदियों से क्यों करता था नफरत?
हिटलर का मानना था कि जर्मनी में यूरोप के मूल लोगों के पास संसाधन कम हैं, जिन्हें वो आर्यन कहता था. उसका मानना था कि ये आर्यन ही शुद्ध नस्ल हैं, इसीलिए सभी अधिकार और संसाधन इन्हें मिलने चाहिए. बाकी समुदाय और धर्मों को वो अपना दुश्मन मानता था. इसमें सबसे ऊपर यहूदी थे, हिटलर का मानना था कि जर्मनी में सभी दिक्कतें यहूदियों की वजह से हैं. इसीलिए उसने यहूदियों के खिलाफ लोगों की भावनाओं को भड़काने का काम शुरू किया.


60 लाख लोगों का नरसंहार
हिटलर की विचारधारा पूरे जर्मनी में फैलने लगी और नाजी पार्टी और उसके समर्थकों ने कत्लेआम मचाना शुरू कर दिया. राष्ट्रवाद की भावना को हथियार बनाकर हिटलर ने गैर आर्यनों का सफाया शुरू किया. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान खुलेआम ये नरसंहार शुरू हुआ. 1941 से लेकर 1945 तक तमाम यहूदियों को ट्रेनों में भरकर लाया गया और सैकड़ों लोगों को एक साथ मार दिया जाता था. उन्हें कंसंट्रेशन कैंपों में रखा जाता था और उसके बाद एक गैस चेंबर में डालकर मार दिया जाता था. इस दौरान कुल 60 लाख लोगों की हत्या की गई, जिनमें ज्यादातर यहूदी थे. 


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