History of Beds: दिनभर काम करने के बाद थकान होना लाजमी है. इस थकान के बाद हमें सबसे पहली चीज जो नजर आती है, वह है हमारा बिस्तर. इसीलिए लोग अपने बिस्तर को कुछ खास तवज्जो देते हैं और उसे बहुत ही आरामदायक बनाते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है कि हमें बिस्तर पर एक अच्छी नींद मिल सके, जिससे हम अगले दिन काम करने के लिए तैयार हो सकें. 

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सोना हो, पढ़ना हो, खाना खाना हो या फिर सिर्फ बैठना हो, बिस्तर हर किसी की पसंदीदा जगह होती है. हाईटेक होती दुनिया में आजकल बिस्तर भी काफी एडवांस हो गए हैं, उन्हें इंसानी जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है, लेकिन एक समय सिर्फ लकड़ी के बेड बनाए जाते थे, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस बिस्तर पर सोकर आप सारी थकान दूर करते हैं, वो आया कहां से? उसका इतिहास क्या है? आइए जानते हैं... 

77000 साल पुराना है इतिहास

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बिस्तरों का इतिहास 77000 साल से भी ज्यादा पुराना है और यह पाषाण युग से जुड़ा हुआ है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इतिहासकार ग्रेग जेनर का मानना है कि बिस्तर के अस्तित्व का पहला प्रमाण पाषाण युग में मिलता है, जो 77000 साल से भी पुराना है. उनके अनुसार, दक्षिण अफ्रीका की गुफाओं में कुछ ऐसे बिस्तर मिले जो चट्टानों पर थे और उन्हें हाथों से बनाया जाता था. उनका कहना है कि गुफाओं में सबसे ज्यादा डर कीड़े-मकौड़ों का था, इसलिए इन बिस्तरों को जमीन से थोड़ा ऊपर बनाया जाता था. उनके अनुसार, तुर्की का कैटेलहॉक ऐसा पहला शहर था, जहां सोने के लिए जमीन पर थोड़ा ऊपर बिस्तर बनाया जाता था. स्कॉटलैंड के स्कारा ब्रे गांव में भी इसी तरह के बिस्तर देखे गए हैं. यहां के निवासी पत्थरों का ढेर लगाकर बिस्तर बनाते थे और उसे पर कुछ घास जैसी चीज को बिछाते भी थे, जिससे वह आराम से सो सकें. 

सोने के लिए अलावा कई कामों में होता था उपयोग

पुराने समय में बिस्तर का उपयोग सोने के अलावा खाना खाने में भी होता था. इतिहासकारों का कहना है कि कुछ ऐसे प्रमाण मिले हैं, जिसमें लोग बिस्तर पर ही खाना खाते थे और बाद में इस पर आग लगा देते थे. दक्षिण अफ्रीका की गुफाओं में मिले बिस्तरों में राख की ऐसी परतें देख गई हैं. रोम और यूनान में भी बेड सोने के अलावा खाना खाने के प्रयोग में आता था. इतिहासकारों का कहना है कि लोग बेड के एक किनारे पर तकिये का सहारा लेकर बैठते थे, जिससे आसपास रखी चीजों को आसानी से उठा सकें. 

अमीरों के लिए बने बेड

इतिहासकारों को यह साक्ष्य भी मिले हैं कि मध्यकालीन युग में बेड ऊंचे दर्जे के लोगों के लिए बनाए गए थे. वहीं, गरीब घास और भूसे पर सोते थे. अमीरों के लिए बेड इस तरह बनाए जाते थे कि लोग उन्हें एक जगह से दूसरी जगह भी ले जा सकते थे. वहीं, मिस्र में लोगों ने अपने पलंग में पैरों को भी जोड़ा था. यह बेड जानवरों के आकार में बनाए जाते थे, जो पूरी तरह सपाट होने के बजाय नीचे की ओर झुके होते थे. 

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