प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में अब तक 8 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया है. कुंभ में नहाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. महाकुंभ में देश और दुनियाभर से लोग अपने पाप धुलने पहुंच रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदु जिस तरीके से गंगा स्नान करके पाप धुलते हैं, वैसे ही मुस्लिम अपना पाप धुलने के लिए क्या करते हैं. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.

हिंदू धर्म में गंगा स्नान

आपने सुना होगा कि हिंदू धर्म को मानने वाले लोग गंगा स्नान करके अपना पाप धुलते हैं. ऐसी मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से इंसान का सारा पाप धुल जाता है. इस बार 12 साल बाद जब महाकुंभ लगा है, तो संगम स्नान के लिए दुनियाभर के लोग पहुंच रहे हैं. बता दें कि सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों से भी लोग इस महाकुंभ के आयोजन में पहुंच रहे हैं. 

मुस्लिम अपने आप को कैसे करते हैं पवित्र?

हिंदुओं की तरह ही इस्लाम में भी पाप धुलने को लेकर नियम बनाए गए हैं. इस्लाम में पैंगबर मोहम्मद साहब ने उन हर काम को पाप बताया है, जिससे मानव से लेकर पशु-पक्षी और प्रकृति को नुकसान पहुंचता है. वहीं अगर इस्लाम में कोई व्यक्ति पाप करता है, तो वह पाप धोने के लिए अल्लाह से माफी मांग सकता है और समय से नमाज अदा कर सकता है. इस्लाम धर्म में पैंगबर हजरत मोहम्मद साहब ने कहा कि नमाज एक नदी की तरह है, नमाज पढ़ने से आपके शरीर का हर पाप धुल जाता है. उनके मुताबिक नमाज पापों को धुलने, खुद को शांत रखने का अच्छा रास्ता है. 

हिंदू ग्रंथों में गंगा स्नान का जिक्र

बता दें कि हिंदू ग्रंथ में गंगा स्नान का जिक्र है. सनातन धर्म में गंगा नदी को सबसे पवित्र नदी माना गया है. मान्यता है कि जो लोग गंगा में स्नान करते हैं, उन्हें सभी पापों से मुक्ति मिलती है. इतना ही नहीं गंगा स्नान करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि हिंदू धर्म को मानने वाले लोग सबसे अधिक गंगा स्नान को महत्व देते हैं. हिंदू ग्रंथों में भी गंगा का स्नान का जिक्र मिलता है. जैसे गंगा में नहाने से पाप धुलने के बारे में जानकारी देवी भागवत पुराण, शिव पुराण, गरुड़ पुराण, और भविष्य पुराण जैसे ग्रंथों में मिलती है. इन ग्रंथों के मुताबिक गंगा के स्पर्श मात्र से ही इंसान के सभी पाप धुल जाते हैं.  

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