भारत में सबसे ज्यादा हिंदी भाषा बोली जाती है, लगभग आधी आबादी इस भाषा का बोलचाल में इस्तेमाल करती है और ये उनकी मातृभाषा है. हिंदी के अलावा बंगाली और मराठी भी देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक हैं. हालांकि हिंदी को ही भारत की राजभाषा का दर्जा दिया गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के एक राज्य की राजभाषा हिंदी नहीं बल्कि अंग्रेजी है? यहां पूरा सरकारी कामकाज हिंदी नहीं बल्कि अंग्रेजी में ही होता है. 


शिक्षा का माध्यम भी अंग्रेजी
नॉर्थ-ईस्ट के राज्य नगालैंड की राज्य भाषा हिंदी नहीं बल्कि अंग्रेजी है. नगालैंड विधानसभा की तरफ से अंग्रेजी भाषा को आधिकारिक भाषा के तौर पर घोषित किया गया. इसके अलावा यहां शिक्षा भी अंग्रेजी में ही दी जाती है, यानी शिक्षा का माध्यम भी अंग्रेजी ही है. साल 1967 में नगालैंड ने अंग्रेजी को अपनी आधिकारिक भाषा के तौर पर अपनाया था. 


ज्यादातर लोग बोलते हैं अंग्रेजी
दरअसल नगालैंड में कई अलग-अलग जनजातियां रहती हैं. तमाम जनजातियों के रिवाज भी अलग हैं, लेकिन ज्यादातर लोग अंग्रेजी भाषा का ही आम बोलचाल में इस्तेमाल करते हैं. अंग्रेजी के अलावा यहां लोग हिंदी, नेपाली, बांग्ला और असमिया जैसी भाषाएं भी बोलते हैं. नगालैंड का नाम भी अंग्रेजों ने ही रखा था. यहां से विश्वयुद्ध में लड़ने के लिए गए लोग जब वापस लौटे तो उन्होंने यहां अंग्रेजी का प्रचार किया. बाद में नगालैंड अलग राज्य बन गया और फिर इसकी राजभाषा अंग्रेजी ही हो गई. 


बता दें कि भारतीय संविधान में हिंदी भाषा को ही देश की राजभाषा के तौर पर जोड़ा गया है. 14 सितंबर 1949 को बाबा साहब अंबेडकर की अध्यक्षता में इसे लेकर कानून बनाया गया. इसमें कहा गया कि हिंदी देश की राजभाषा होगी और लिपि देवनागरी होगी. इसके बाद से ही हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है.


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