कहते हैं कि इंसान का शरीर बस मरने के बाद ही पूरी तरह से काम करना बंद करता है वरना सोते, जागते, खाते, पीते हर समय शरीर के ऑर्गंस काम करते रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये बात पूरी तरह से सच नहीं है.
दरअसल, इंसान के मरने के बाद उसके शरीर के सारे अंग एक साथ काम करना बंद नहीं करते हैं. कुछ ऑर्गंस ऐसे होते हैं जो मौत के बाद भी कई घंटों तक जिंदा रहते हैं और अपना काम करते रहते हैं. इसलिए मरने के बाद भी इंसान के ऑर्गंस को डोनेट करके दूसरे लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि मरने के बाद भी शरीर के कौनसे अंग रहते हैं जिंदा और कौनसा अंग सबसे आखिर में मरता है.
मरने के बाद भी कौन-से अंग रहते हैं जिंदा?
डॉक्टर्स के अनुसार शरीर के सभी बॉडी पार्ट्स का लाइफस्पैन डिफरेंट होता है. ऐसे में कुछ ऑर्गंस को प्रिजर्व भी किया जा सकता है. मरने के बाद भी इंसान के शरीर में हार्ट 4 से 6 घंटे, लंग्स 4 से 8 घंटे, लीवर 8 से 12 घंटे, किडनी 24 से 36 घंटे , स्किन 24 घंटे और आंखें 4 से 6 घंटों तक जिंदा रहती हैं. आपको बता दें कि ये एग्जैक्ट टाइमिंग नहीं बल्कि अप्रॉक्सिमेट समय है. ऐसे में ऑर्गंस के जिंदा रहने का समय और भी कई फैक्टर्स पर डिपेंड करता है.
मरने के बाद भी ऑर्गंस कैसे आते हैं काम ?
इंसान के शरीर में सभी अंग बेहद जरूरी होते हैं फिर चाहें वह आंखे हो या दिल. ऐसे में ये जरूरी अंग इंसान के मरने के बाद भी उतने ही जरूरी बने रहते हैं जितने कि जिंदा होने पर. इसी के चलते मरने के बाद कई लोग अंग दान कर देते हैं क्योंकि मरने के कई घंटों बाद तक शरीर के कुछ जरूरी अंग जिंदा रहते हैं, जो किसी जिंदा इंसान के काम आ सकते हैं. इस प्रोसेस को ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन कहा जाता है. इसमें मरे हुए इंसान के शरीर से ऑर्गंस को निकालकर उन्हें सूटेबल कंडीशंस में प्रिजर्व करके ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है.
कौन-सा ऑर्गन रहता है सबसे ज्यादा देर तक जिंदा ?
इंसान के शरीर में मरने के बाद सबसे ज्यादा देर तक उसकी किडनियां जिंदा रहती हैं. यह तकरीबन 24 से 36 घंटे तक जिंदा रहती हैं. इसलिए इसको सबसे टिकाऊ अंग माना जाता है. ऐसे में मरने के बाद आप किसीको भी आसानी से किडनी डोनेट कर सकते हैं और यही वजह है कि किडनी ट्रांसप्लांट के ऑपरेशन अक्सर सफल होते हैं.
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