IPS Puran Kumar suicide: हरियाणा के आईपीएस ऑफिसर पूरन कुमार की मौत को लेकर इस समय देश में काफी बवाल मचा हुआ है. मौत के कई दिन बीतने के बाद भी उनका पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है. उन्होंने 7 अक्टूबर को अपने घर के साउंडप्रूफ बेसमेंट में सर्विस गन से गोली मारकर सुसाइड कर लिया था. उन्होंने अपने सुसाइड नोट में 13 सीनियर अधिकारियों को जिम्मेदार बताते हुए गंभीर आरोप लगाए थे. चलिए आपको बताते हैं कि पिछले 10 साल में ऐसे कितने मामले आए हैं, जिनमें आईपीएस अधिकारी ने सुसाइड किया और इसके पीछे कारण क्या था?
कौन थे आईपीएस ऑफिसर पूरन कुमार?
पिछले 10 साल में कितने आईपीएस अफसरों ने सुसाइड किया, यह बताने से पहले हम आपको बताते हैं कि आईपीएस ऑफिसर पूरन कुमार कौन थे, जिनकी मौत पर बवाल मचा हुआ है? आईपीएस पूरन कुमार आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे. इनका ताल्लुक अनुसूचित जाति समुदाय से था. सुसाइड से पहले भी उन्होंने प्रदेश के डीजीपी पर आरोप लगाया था. हाल ही में उनका ट्रांसफर किया गया था. उन्होंने अपने सुसाइड नोट में कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें उन्होंने बताया कि 2020 में उनके साथ भेदभाव, अपमान, मानसिक उत्पीड़न शुरू हुआ. उस समय के डीजीपी मनोज यादव ने उनका उत्पीड़न शुरू किया.
उन्होंने गंभीर आरोप लगाते लिखा कि हरियाणा कैडर के अन्य अधिकारी आज भी प्रताड़ित कर रहे हैं. छुट्टी को लेकर भी उन्होंने लिखा कि तत्कालीन एटीएस गृह राजीव अरोड़ा ने उन्हें छुट्टी नहीं दी, जिसके चलते वह अपने बीमार पिता से मिलने नहीं जा सके. इनके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे खिलाफ छद्म नामों से दुर्भावनापूर्ण शिकायतें की गईं. सार्वजनिक रूप से मुझे अपमानित और शर्मिंदा किया गया. मेरी शिकायतों की जांच तक नहीं की गई. उन्होंने लिखा कि नवंबर 2023 में मुझसे सरकारी वाहन भी वापस ले लिया गया. अब मैं और अधिक प्रताड़ना बर्दाश्त नहीं कर सकता, इसलिए मैंने सब कुछ खत्म करने का निर्णय लिया है.
उन्होंने अपने सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों को जिम्मेदार बताया, उनमें अनुराग रस्तोगी (मुख्य सचिव), टी.वी.एस.एन. प्रसाद (पूर्व मुख्य सचिव), राजीव अरोड़ा (पूर्व एसीएस), शत्रुजीत कपूर (डीजीपी), मनोज यादव (पूर्व डीजीपी) सहित कई बड़े अधिकारी शामिल हैं.
पिछले 10 साल में आईपीएस अधिकारियों के सुसाइड
पिछले 10 साल में आईपीएस अधिकारियों के सुसाइड की बात करें तो 14 अक्तूबर 2015 से लेकर 14 अक्तूबर 2025 तक तीन आईपीएस ऑफिसरों का नाम सामने आएगा. इनमें सबसे पहला नाम के. साशी कुमार का आता है, जिन्होंने 16 से 17 जून 2016 को सर्विस रिवॉल्वर से आत्महत्या कर ली थी. 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी साशी कुमार उस समय एसपी, पाडेरू (Paderu), विजाग एजेंसी, आंध्र प्रदेश में तैनात थे. कई मीडिया रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि उन्होंने इसके लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया था. उन्होंने जब सुसाइड किया था, उस समय उनकी उम्र 29 साल थी.
इसके बाद दूसरा नाम हिमांशु रॉय का है, जो 1988 बैच (महाराष्ट्र कैडर) के आईपीएस अधिकारी थे. वह मुंबई पुलिस में जॉइंट कमिश्नर ऑफ क्राइम, महाराष्ट्र एटीएस के चीफ और बाद में एडीजीपी (Establishment) जैसे अहम पदों पर रहे. उनको सुपरकॉप के नाम से जाना जाता था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने 11 मई 2018 को खुद ही अपने मुंह में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. वे काफी समय से कैंसर से पीड़ित थे. रिपोर्ट्स में कहा गया कि उन्होंने लगभग 2 साल से अधिक समय से बीमार रहने के बाद इस कदम को उठाया. इसमें तीसरा नाम आईपीएस ऑफिसर पूरन कुमार का है, जिनका मामला अभी सुर्खियों में है.
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