Former Jharkhand CM Shibu Soren Death: झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का आज (सोमवार) सुबह निधन हो गया. वे लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे. झारखंड के मुख्यमंत्री और उनके बेटे हेमंत सोरेन ने उनके निधन की जानकारी दी और इस बात पर दुख जताया. बता दें कि उनको किडनी संबंधित बीमारी थी और इसके अलावा भी शरीर में कई दिक्कतें थीं. शिबू सोरेन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भी रहे हैं, चलिए जानें कि इस हिसाब से उनको कितनी पेंशन मिलती थी और अब यह उनके परिवार के सदस्यों में से किसे मिलेगी.

कितनी बार रहे सीएम

शिबू सोरेन पूर्व मुख्यमंत्री थी, ऐसे में एक्स सीएम को क्या सुविधाएं और पेंशन मिलती है, इसके लिए हर राज्य के नियम अलग हो सकते हैं. हालांकि अगर राजनीति में लंबे वक्त तक सेवा दी है तो इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री को आवास को विशेष सुविधा दी जाती है. शिबू सोरेम तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे, लेकिन वे एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. जब बिहार से अलग झारखंड बनाया गया था, उस वक्त वे 2005 में मुख्यमंत्री बने. अपने पहले कार्यकाल के दौरान वे महज 10 दिन, दूसरे कार्यकाल 2008 में करीब एक साल और तीसरे कार्यकाल में कुछ महीने ही मुख्यमंत्री बने रहे. 

पेंशन और सुविधाएं

पूर्व मुख्यमंत्री को उनकी सेवा की अवधि के आधार पर पेंशन और भत्ते दिए जाते हैं. अगर कोई पूर्व सीएम विधायक के तौर पर कार्य करते रहते हैं तो उनको एक्स एमएलए के अनुसार लगभग 15,000 रुपये महीना पेंशन मिलती है. वहीं अगर मुख्यमंत्री पद से हट जाने के बाद से नियमित तौर पर विधायक नहीं होते हैं तो फिर उनके भत्तों में कमी आती है. इसके अलावा पूर्व सीएम को यात्रा भत्ता, इंटरनेट, टेलीफोन खर्चा, मेडिकल और अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं. 

अब उनके परिवार को किन सदस्यों को मिलेगी पेंशन

नियम के अनुसार पेंशनर के निधन के बाद पेंशन आमतौर पर उनकी पत्नी को दी जाती है. अगर पेंशनर को दो बच्चे हैं और उनकी उम्र 25 साल से कम है तो दोनों बच्चों को पेंशन का 25-25 फीसदी हिस्सा दिया जाता है. वहीं पति या पत्नी को 50 फीसदी हिस्सा मिलता है. बच्चों को यह पेंशन 25 साल की उम्र तक मिलती है. पेंशनर के निधन के बाद उनकी पत्नी को जीवनभर पेंशन मिलती है. लेकिन अगर पत्नी दोबारा शादी कर लेती है तो उसकी पेंशन खत्म करके बच्चों की पेंशन बढ़ाई जाती है. कर्मचारी अपने निधन से पहले एक व्यक्ति को नामित भी कर सकता है, जो कि पेंशन पाने का हकदार होता है.

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