Neha Singh Rathore: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लोकगायिका नेहा सिंह राठौर चर्चा में हैं. वह लगातार वीडियो और अपने गानों के जरिए केंद्र की मोदी सरकार को निशाना बना रही हैं और कड़े सवाल पूछ रही हैं. सोशल मीडिया पर नेहा सिंह राठौर को लेकर यूजर्स दो धड़ों में बंट गए है, कुछ लोग उनके सवालों को वाजिब बता रहे हैं तो कुछ लोग नेहा सिंह राठौर पर पाकिस्तान समर्थक होने का आरोप लगा रहे हैं. 

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नेहा सिंह राठौर के गानों और वीडियो को लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह प्राथमिकी अभय सिंह ने दर्ज कराई है, जिसमें नेहा सिंह राठौर के खिलाफ 11 अलग-अलग धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई हैं. इसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की 10 धाराओं के अलावा आईटी एक्ट की धारा जोड़ी गई है. ऐसे में आइए जानते हैं नेहा सिंह राठौर के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में कौन-कौन सी धाराएं जोड़ी गई हैं? इनमें से कौन सी धाराएं जमानती और गैर-जमानती हैं? नेहा सिंह राठौर को इन मामलों में कितने साल की सजा हो सकती है? 

इन धाराओं में दर्ज की गई एफआईआर  

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  1. भारतीय न्याय संहिता (बीएनस) 2023 की धारा 196 (1) (a)
  2. भारतीय न्याय संहिता (बीएनस) 2023 की धारा 196 (1) (b)
  3. भारतीय न्याय संहिता (बीएनस) 2023 की धारा 197 (1) (a)
  4. भारतीय न्याय संहिता (बीएनस) 2023 की धारा 197 (1) (b)
  5. भारतीय न्याय संहिता (बीएनस) 2023 की धारा 197 (1) (c)
  6. भारतीय न्याय संहिता (बीएनस) 2023 की धारा 197 (1) (d)
  7. भारतीय न्याय संहिता (बीएनस) 2023 की धारा 353 (1) (c)
  8. भारतीय न्याय संहिता (बीएनस) 2023 की धारा 353 (2)
  9. भारतीय न्याय संहिता (बीएनस) 2023 की धारा 302
  10. भारतीय न्याय संहिता (बीएनस) 2023 की धारा 152
  11. सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 69a 

नेहा सिंह राठौर को कितनी हो सकती है सजा

नेहा सिंह राठौर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (1) (a) और 196 (1) (b) के तहत मामला दर्ज किया गया है. बीएनएस की धारा  196 (1) (a) के तहत अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर किसी भाषा या क्षेत्रीय समुदाय के खिलाफ नफरत भरे संदेश फैलाता है तो उसे अपराधी माना जाएगा. वहीं 196 (1) (b) के तहत यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक शांति को भंग करता है और अशांति का कारण बनता है तो उसे अपराधी माना जाएगा. इस अपराध में तीन साल की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. वहीं भारतीय न्याय संहिता की धारा 197 (1) a,b,c,d में किसी की देश के प्रति निष्ठा पर सवाल उठाने, नागरिक अधिकारों से वंचित करने, असामंजस्य उत्पन्न करने, गलत जानकारी फैलाने के तहत व्यक्ति को अपराधी माना जाता है. इन धाराओं में भी व्यक्ति को तीन साल की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

क्या है धारा 353, 302 और 152

बीएनएस की धारा 353 में अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक उपद्रव फैलाने वाले बयान देता है तो उसे अपराधी माना जाएगा. वहीं धारा 302 किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से संबंधित है. इसके अलावा धारा 152 भारत की संप्रुभता, एकता और अखंडता को खतरने में डालने से संबंधित है. इन धाराओं में भी जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं. जानकारी के मुताबिक, नेहा सिंह राठौर के खिलाफ ज्यादातर गैर-जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, उन्हें अदालत से ही जमानत मिल सकती है. 

नेहा सिंह राठौर ने भी दी प्रतिक्रिया

मामला दर्ज किए जाने के बाद नेहा सिंह राठौर की प्रतिक्रिया भी आई है. उन्होंने कहा है कि मेरे ऊपर FIR हो गई है, होनी भी चाहिए. एक मामूली लड़की इतने बड़े लोकतंत्र में सवाल कैसे पूछ सकती है? लोकतंत्र का साइज तो देखो, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है भाई. 

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