अक्सर होता है कि जब किसी को रास्ते में कोई सामान मिल जाता है तो वो उसे उठा लेता है. कई लोग होते हैं, जो आसपास किसी से उस सामान के बारे में पूछते हैं और कोई मालिक ना मिले तो उसे ले जाते हैं. कुछ ऐसे होते हैं कि उसे मालिक तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करते हैं, लेकिन कुछ बिना किसी झिझक उसे अपना समझकर रख लेते हैं. अब ये आदत कितनी सही है और कितनी गलत, इसे लेकर लोगों का अलग- अलग मानना है. लेकिन कानून के हिसाब से क्या करना सही है. 


दरअसल, सोशल मीडिया पर एक फैक्ट शेयर किया जाता है कि अगर किसी व्यक्ति को रास्ते में 10 रुपये से अधिक या उससे अधिक वैल्यू का सामान मिल जाता है, तो उसे पुलिस या मालिक को लौटाना जरूरी है वर्ना कार्रवाई हो सकती है. ऐसे में जानते हैं कि सड़क पर मिले सामान को लेकर क्या नियम है और क्या सही में 10 रुपये का सामान मिलने पर दिक्कत हो सकती है. इस पर जानते हैं कि इसे लेकर क्या कानून बना हुआ है?


दिल्ली हाईकोर्ट के वकील प्रेम जोशी के अनुसार, भारत में एक अनुबंध कानून यानी कॉन्ट्रेक्ट लॉ 1872 है, जिसकी धारा 71 में किसी को मिलने वाले सामान से जुड़े कर्तव्यों और जिम्मेदारी के बारे में बात की गई है. इस कानून में बताया गया है कि अगर किसी व्यक्ति को किसी का सामान मिलता है या फिर वो किसी का काम सामान ढूंढ लेता है तो उसकी जिम्मेदारी है कि वो अच्छे से अपने पास रखे, उसे जिम्मेदारी से संभालकर रखे, उसे दूसरे सामान के साथ मिक्स ना करे और उस सामान को उसके असली मालिक तक पहुंचाने का काम करे. ऐसे में वह व्यक्ति पुलिस, इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों से सहारा ले सकता है. 


साथ ही एडवोकेट जोशी का कहना है कि वैसे ऐसा कोई विशिष्ट कानून नहीं है, जो आपको सड़क पर कुछ पाए जाने पर पुलिस को रिपोर्ट करने के लिए मजबूर करता हो. लेकिन अगर किसी को कोई सामान सड़क पर मिलता है तो वो चोरी नहीं है, लेकिन वो व्यक्ति उसका दुरुपयोग कर सकता है. ऐसी स्थिति में भारतीय दंड संहिता की धारा 403 के तहत बेईमानी या गलती तरीके से किसी चल संपत्ति का दुरुपयोग करना अपराध हो सकता है और स्थिति के अनुसार इस केस में दो साल तक की जेल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. 


ऐसे में बता दें कि कानून में किसी भी स्पेसिफिक अमाउंट से ज्यादा सामान होने या फिर सामान लौटाने की जबरन जिम्मेदारी को लेकर कोई नियम है. बस ये बताया गया है कि लोगों को मालिक तक सामान लौटा देना चाहिए. 


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