दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और कारोबारी एलन मस्क ने भारत सरकार के खिलाफ केस दायर किया है. एलन मस्क की कंपनी एक्स कॉर्प ने कर्नाटक हाईकोर्ट में खाचिका दायर कर भारत सरकार पर आईटी एक्ट के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है. इसमें उन्होंने आईटी अधिनियम की धारा 79(3)(बी) पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह नियम गैरकानूनी है और अनियमित सेंसरशिप सिस्टम बनाता है, जिससे कंटेंट को ब्लॉक किया जा रहा है.

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अब सवाल यह है कि क्या एलन मस्क की तरह कोई भी व्यक्ति भारत सरकार के खिलाफ केस दायर कर सकता है? इसके लिए कहां शिकायत करनी होती है और इन मामलों की सुनवाई कहां होती है? जानते हैं इसका जवाब. 

एलन मस्क की कंपनी ने क्या कहा?

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याचिका में एलन मस्क की कंपनी की ओर से कहा गया है कि आईटी अधिनियम की धारा 69ए में बताया गया है कि सरकार किन परिस्थितियों में इंटरनेट के कंटेंट को ब्लॉक कर सकती है. हालांकि इस धारा का पालन नहीं किया गया. कंपनी ने कहा है कि इंटरनेट के कंटेंट को ब्लॉक करने के लिए लिखित में कारण बताना आवश्यक है और सरकार द्वारा कोई भी फैसला लेने से पहले सुनवाई और इसे कानूनी रूप से चुनौती देने का अधिकार भी होना चाहिए, लेकिन भारत सरकार ने किसी नियम का पालन नहीं किया.  

क्या कोई भी व्यक्ति कर सकता है केस?

अब सवाल यह है कि क्या कोई भी व्यक्ति भारत सरकार के खिलाफ केस कर सकता है? जवाब है-हां. बता दें, भारत के संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकार बताए गए हैं. अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि सरकार के किसी कानून से उसके मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है तो इसके खिलाफ केस किया जा सकता है और व्यक्ति अदालत का रुख कर सकता है. अगर कोई मामला जनहित का है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं तो जनहित याचिका दायर की जा सकती है. किसी व्यक्ति विशेष को हुए नुकसान के लिए रिट याचिका भी दायर हो सकती है. इन मामलों की सुनवाई वे अदालत करती हैं, जहां यह मामला दायर किया जा जाता है. 

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