Pan India SIR: अगर आपके पास हैं ये दस्तावेज तो नहीं पड़ेगी नागरिकता साबित करने की जरूरत, देख लें पूरी लिस्ट
Pan India SIR: चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि SIR का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है. अब दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों में मतदाता सूची अपडेट की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

Pan India SIR: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आज SIR को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है और अब इसका दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार में यह प्रक्रिया बेहद सुचारू और प्रभावी तरीके से संपन्न हुई, जिससे वहां के लोगों ने चुनाव आयोग की इस पहल पर पूरा भरोसा जताया है. ज्ञानेश कुमार ने आगे कहा कि अब एसआईआर के दूसरे चरण में देश के 12 और राज्यों में यह अभियान चलाया जाएगा, ताकि मतदाता सूची को और अधिक सटीक और पारदर्शी बनाया जा सके.
आइए जानें कि आपके पास कौन से दस्तावेज होने चाहिए, जिससे नागरिकता साबित करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
इन दस्तावेजों के बाद नागरिकता साबित करने की नहीं होगी जरूरत
देशभर में चल रहे मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान अब नागरिकता और पहचान से जुड़े दस्तावेजों को लेकर स्पष्टता सामने आ चुकी है. चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी व्यक्ति का नाम वर्ष 2002 की वोटर लिस्ट में पहले से मौजूद है, तो उसे अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई अतिरिक्त कागज पेश करने की आवश्यकता नहीं होगी. उसे केवल गणना फॉर्म के साथ उस वोटर लिस्ट की प्रति जमा करनी होगी.
यह फैसला उन लोगों के लिए राहत की खबर है, जिनके परिवार लंबे समय से भारत में रह रहे हैं और जिनका नाम पहले ही आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज है. ऐसे लोग अब बिना किसी अतिरिक्त झंझट के प्रक्रिया पूरी कर पाएंगे.
किनको दिखाने होंगे कागज
वहीं, जिन व्यक्तियों का नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है, लेकिन उनके माता-पिता के नाम उस सूची में दर्ज हैं, उनके लिए नियम थोड़े अलग हैं. उन्हें अपनी पहचान साबित करने के लिए कोई वैध आईडी प्रूफ जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी या पैन कार्ड प्रस्तुत करना होगा, साथ ही 2002 की वोटर लिस्ट में अपने माता-पिता के नाम का प्रमाण भी देना होगा. यह इस बात का सबूत होगा कि संबंधित व्यक्ति उसी परिवार और नागरिकता श्रेणी से जुड़ा है.
कौन-कौन से दस्तावेज साबित करेंगे नागरिकता
दूसरी ओर, अगर किसी व्यक्ति या परिवार का नाम 2002 की वोटर लिस्ट में बिल्कुल नहीं है, तो ऐसे मामलों में नागरिकता साबित करने के लिए अलग से दस्तावेज मांगे जा सकते हैं. इनमें जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, या नागरिकता से जुड़े किसी वैध सरकारी रिकॉर्ड को शामिल किया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रक्रिया का मकसद किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि मतदाता सूची को पारदर्शी और अद्यतन बनाना है. आयोग चाहता है कि देश के हर पात्र नागरिक का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज हो और किसी भी तरह की फर्जी या डुप्लीकेट एंट्री को हटाया जा सके.
आधार कार्ड नहीं है नागरिकता का प्रमाण
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड को केवल पहचान पत्र के रूप में माना जाएगा, न कि नागरिकता के प्रमाण के रूप में. इसका मतलब है कि केवल आधार होने से किसी व्यक्ति को भारतीय नागरिक नहीं माना जा सकता, जब तक कि उसके अन्य प्रमाण भी पुख्ता न हों.
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Source: IOCL
























