इस्लाम धर्म में ईद-ए-मिलाद-उन नबी का पर्व बहुत खास माना जाता है. इस्लामिक मान्यता है कि रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन ही पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था. यही वजह है मुस्लिम लोगों में इस दिन की बहुत मान्यता है और वे हर साल इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं. आज (शुक्रवार) ईद-ए-मिलाद-उन नबी का पर्व है. लेकिन कई जगहों पर नबी की बर्थ एनिवर्सरी पर ड्राई डे की मांग हो रही है. चलिए जानें कि क्या बाकी ईद में भी ऐसा कोई नियम होता है?
कहां हुई ड्राई डे की मांग
दरअसल राजस्थान में मुस्लिम नेताओं और संगठनों ने मिलकर ईद-ए-मिलाद-उन नबी पर सीएम भजनलाल से ड्राई डे रखने की मांग की थी. उनका कहना था कि नबी ने महिलाओं पर जुल्म, ब्याजखोरी और सबसे बड़ी नशाखोरी यानि शराब को हराम करार दिया है. इसीलिए मुस्लिम नेताओं की सीएम से गुजारिश थी कि वे इस मौके पर ड्राई डे रखें, जिससे कि पूरे देश में अच्छा संदेश जाएगा.
बाकी ईद पर क्यों नहीं होती ड्राई डे की मांग
ड्राई डे यानि शराब की बिक्री और खपत पर पाबंदी को कहा जाता है. देश में गांधी जयंती, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और कुछ अन्य पर्वों पर शराबबंदी लागू की जाती हैं. लेकिन सवाल उठता है कि अन्य ईदों, जैसे ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर ऐसी मांग क्यों नहीं होती? दरअसल, इन दोनों पर्वों का स्वरूप अलग है. ईद-उल-फितर रमजान के रोजे पूरे होने के बाद खुशी और उत्सव का त्योहार है. इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, नमाज अदा करते हैं और रिश्तेदारों से मिलकर जश्न मनाते हैं.
ईद-ए-मिलादुन्नबी पर शराब बिक्री से गलत संदेश
इसी तरह ईद-उल-अजहा कुर्बानी का त्योहार है, जिसमें धार्मिक कर्तव्य निभाने और सामूहिक भाईचारे पर जोर होता है. इन मौकों पर शराबबंदी की कोई पारंपरिक या धार्मिक शर्त नहीं है, इसलिए ड्राई डे की मांग भी आमतौर पर नहीं उठती है. ईद-ए-मिलादुन्नबी की खासियत यह है कि यह दिन पैगंबर साहब की याद, उनके संदेश और जीवन से प्रेरणा लेने का है. इसे पूरी निष्ठा और संयम के साथ मनाने पर जोर दिया जाता है. इसीलिए धार्मिक नेताओं का मानना है कि इस दिन शराब की बिक्री समाज में गलत संदेश देती है और इसे रोकना जरूरी है.
क्या बाकी ईद में भी ड्राई डे का नियम?
हालांकि, ड्राई डे को लेकर सरकारी निर्णय राज्यों पर निर्भर करता है. कुछ प्रदेशों में इसे लागू किया जाता है, तो कहीं केवल सिफारिश तक सीमित रह जाता है. जबकि बाकी ईदों पर शराबबंदी का कोई नियम या परंपरा नहीं है, ईद-ए-मिलादुन्नबी पर ड्राई डे की मांग इसलिए विशेष रूप से उठती है, क्योंकि इसे इस्लाम धर्म में सबसे पाक दिन माना जाता है और इसकी गरिमा को अक्षुण्ण रखने की कोशिश की जाती है.
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