हवा में उड़ रहे प्लेन पर तेज भूकंप का क्या होता है असर? जान लीजिए जवाब
राजधानी दिल्ली समेत यूपी,हरियाणा के कई क्षेत्रों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं.लेकिन क्या आप जानते हैं कि भूकंप के झटके फ्लाइट में क्यों नहीं महसूस होते हैं और फ्लाइट कब हिलती है.जानिए जवाब.

राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर में सोमवार की सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गये हैं. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक दिल्ली में सोमवार की सुबह पांच बजकर 36 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस हुए हैं. वहीं इस भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भूकंप के झटकों का असर आसमान में मौजूद फ्लाइट पर क्या पड़ता है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
क्यों आता है भूकंप?
सबसे पहले ये जानते हैं कि आखिर भूकंप क्यों आता है? वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी हैं. पृथ्वी पर मौजूद जब इन प्लेट्स में हलचल होती है, तब भूकंप का खतरा होता है. वहीं जब ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकराती हैं, इसके अलावा पास आती हैं या दूर होती हैं, तो जमीन हिलने लगती है, जिसे हम भूकंप कहते हैं.
फ्लाइट में नहीं महसूस होते हैं झटके?
आपने महसूस किया होगा कि जब कोई व्यक्ति धरती पर रहता है, तो उसे भूकंप के झटके महसूस होते हैं. लेकिन वहीं जब कोई यात्री फ्लाइट में सफर करता है, तो उसे भूकंप के झटके महसूस नहीं होते हैं. क्योंकि हवा में फ्लाइट पर भकूंप के झटके का कोई असर नहीं होता हैं. लेकिन अगर फ्लाइट लैंड करता है और उस समय भूकंप आता है, तो ऐसी स्थिति में फ्लाइट में टर्बुलेंस हो सकता है. जिससे फ्लाइट में बैठे यात्रियों को झटका महूसस हो सकता है. इसके अलावा हवा में भी कई बार अलग-अलग कारणों से टर्बुलेंस होता है.
फ्लाइट को कब लगते हैं झटके?
बता दें कि फ्लाइट में टर्बुलेंस के जरिए झटके महसूस किए जाते हैं. अब सबसे पहले ये जानते हैं कि टर्बुलेंस क्या होता है? बता दें कि आसमान में जब विपरीत दिशा में हवा चलती है और विमान के पंखों से हवा अनियंत्रित होकर टकराती है, तो प्लेन में एयर टर्बुलेंस पैदा होता है. इस टर्बुलेंस के कारण विमान ऊपर नीचे होने लगता है. ये झटके भूकंप से भी तेज महसूस होते हैं.
इतना ही नहीं विमानों को कम से कम सात तरह के टर्बुलेंस का सामना करना पड़ता है. अक्सर विमानों को मौसम से जुड़े टर्बुलेंस का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा खराब मौसम में बिजली कड़कने और भारी बादल होने से भी विमान में टर्बुलेंस पैदा होता है. विशेषज्ञों के मुताबिक में क्लियर एयर टर्बुलेंस, थर्मल टर्बुलेंस, टेम्पेरेचर इंवर्जन टर्बुलेंस, मेकनिकल टर्बुलेंस, फ्रंटल टर्बुलेंस, माउंटेन वेब टर्बुलेंस और थंडरस्टॉर्म टर्बुलेंस होते हैं.
इन जगहों पर महसूस हुए भूकंप के झटके
दिल्ली में आए भूकंप को लेकर नेशनल सीस्मोलॉजी सेंटर ने इस भूकंप का केंद्र धौला कुआं बताया है, ये केंद्र वहां मौजूद झील पार्क के पास जमीन में पांच किलोमीटर की गहराई पर था. सेंटर के मुताबिक गहराई कम होने की वजह से दिल्ली-एनसीआर में झटके ज्यादा महसूस हुए हैं. इसके अलावा उत्तर-प्रदेश के मुरादाबाद, सहारनपुर, अलवर, मथुरा और आगरा में झटके महसूस हुए हैं. इसके अलावा हरियाणा के कुरुक्षेत्र, हिसार, कैथल तक में भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं.
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Source: IOCL





















