देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. 11 जुलाई की शाम 7:49 मिनट पर दिल्ली-एनसीआर में भूकंप आया, रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गई है. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र हरियाणा का झज्जर था. यह लगातार दूसरा दिन है जब दिल्ली में भूकंप आया. इससे पहले 10 जुलाई को सुबह 9:04 मिनट पर 4.4 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे. 

राजधानी दिल्ली के लोगों को कहना है कि 11 जुलाई की शाम को आए भूकंप में उन्हें हल्का वाइब्रेशन महसूस हुआ. ऐसे में चलिए जानते हैं कि कितनी तीव्रता के भूकंप में कैसे झटके महसूस होते हैं और किस तीव्रता के भूकंप ज्यादा गंभीर माने जाते हैं. 

0 से लेकर 9 तीव्रता तक आते हैं भूकंप

दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हर दिन भूकंप आते रहते हैं. हालांकि, कुछ भूकंप इतनी कम तीव्रता के होते हैं कि हमें पता ही नहीं चलते, वहीं कुछ भूकंप में हमें वाइब्रेशन या फिर कंपन महसूस होता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कितनी तीव्रता के भूकंप में कैसा महसूस होता है. 

0 से 1.9 तीव्रता: इस तीव्रता के भूकंप हमें महसूस नहीं होते. रिक्टर स्केल पर ऐसे भूकंप दर्ज किए जाते हैं. 

2 से 2.9 तीव्रता: इस तीव्रता के भूकंप में कुछ लोगों को वाइब्रेशन महसूस होता है, कुछ लोगों को यह महसूस तक नहीं होता. 

3 से 3.9 तीव्रता: इस तीव्रता के भूकंप में स्थिर बैठे लोगों को धरती में हल्का वाइब्रेशन महसूस होता है. 

4 से 4.9 तीव्रता: इतनी तीव्रता के झटके महसूस होते हैं. हालांकि, इनसे ज्यादा नुकसान नहीं होता. इसमें घरों में लगी खिड़कियां टूट सकती हैं या दीवारों पर टंगी चीजें गिर सकती हैं. 

5 से 5.9 तीव्रता: इतनी तीव्रता के झटके हमें अच्छी तरह से महसूस होते हैं. घर में रखी भारी चीजें जैसे फर्नीचर हिल सकता है. 

6 से 6.9 तीव्रता: इतनी तीव्रता के झटके गंभीर माने जाते हैं. दीवारों पर दरारें पड़ सकती हैं और पुरानी इमारतें गिर भी सकती हैं. 

7 से 7.9 तीव्रता: इतनी तीव्रता के भूकंप तबाही ला सकते हैं और बड़ी-बड़ी इमारतों को गिरा सकते हैं. 

8 से 8.9 तीव्रता: इन भूकंप का असर सैकड़ों किलोमीटर तक देखने को मिल सकता है. कई मजबूत इमारतें गिर सकती है. तबाही का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. 

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