Salt Water : अक्सर हम पार्टी शादी विवाह में ज्यादा खाना खा लेते हैं तो हमसे कई सारे लोग यह पूछने लगते हैं कि भाई कितने दिन पहले से खाना छोड़ दिया था या फिर 'नमक का पानी पीकर आए हो क्या'? यह कहावत गांव में बहुत ही ज्यादा प्रचलित है. क्या सच में नमक का पानी पीने से ज्यादा भूख लगती है. हालांकि, उत्तर भारत में यह मान्यता ज्यादा प्रचलित है कि नमक का पानी पीने से ज्यादा भूख लगती है.


अब सवाल ये है कि आखिर इसके पीछे कोई साइंटिफिक रीजन है या नहीं. दरअसल, भारत में कई मान्यताएं ऐसी हैं, जिसमें कोई ना कोई साइंटिफिक रीजन होता है. क्या इस कहावत के तार भी आधुनिक वैज्ञानिक कारणों से जुड़े हुए है तो चलिए आज इसी की पड़ताल करते है और वैज्ञानिकों का इस कहावत पर क्या कहना है.


कहावत के पीछे जुड़ा है वैज्ञानिक कारण


उत्तर भारत में प्रचलित यह कहावत कि नमक का पानी पीने से ज्यादा भूख लगती है. असल में यह एक भ्रांति है, इस मसले पर वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर आप खाना खाने से कुछ घंटे पहले पैकेट भर चिप्स या फ्रेंच फ्राइस जैसी नमक वाली चीजें खा लेते हैं तो आप सामान्य से थोड़ा ज्यादा खाना खा सकते हैं लेकिन ज्यादा भूख लगती है यह संभव नहीं.


अमेरिका (America) के जनरल ऑफ क्लीनिक इन्वेस्टिगेशन में साल 2017 में एक रिसर्च के अनुसार खाने में नमक की मात्रा ज्यादा होने या पानी में नमक मिलाकर पीने से भूख ज्यादा लगती है. इसे लेकर 10 लोगों पर प्रयोग किया गया. इस प्रयोग के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि नमक तो यूरिन में ही रहा जबकि किडनी और शरीर कम से कम पानी के इस्तेमाल कर यूरिन में अधिक सोडियम को इकट्ठा करने और उसे बाहर निकालने की तैयारी करता रहता है.


इस प्रक्रिया में बहुत सारी ऊर्जा खर्च होती है यही कारण है कि खाने में नमक ज्यादा होने पर लोग प्यास कम और भूख ज्यादा महसूस करते हैं. इस तरह गांव देहात में नमक का पानी पीकर ज्यादा भूख लगने वाली यह बात वैज्ञानिक कारणों से साबित होती है.


यह भी पढ़ें: क्या सच में कोल्डड्रिंक से टॉयलेट साफ किया जा सकता है? इस बात में कितनी सच्चाई है