सर्दियों में दोस्तों के साथ शराब का मजe अलग ही होता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ठंड के मौसम में शराब का नशा सच में कम या धीरे-धीरे क्यों चढ़ता है? क्या सर्दियों की ठंडी हवा आपके शरीर को ऐसा बना देती है कि नशा देर से महसूस होता है? या फिर यह सिर्फ एक मिथक है? आज हम जानेंगे कि सर्दियों में शराब का असर कैसे बदलता है.

Continues below advertisement

शराब शरीर पर कैसे असर करती है

शराब में एथनॉल नामक रासायनिक तत्व होता है. यह मस्तिष्क में गामा-एमिनोब्यूटिरिक एसिड (GABA) रिसेप्टर्स पर असर डालता है और न्यूरॉन्स की गतिविधि को धीमा कर देता है. नतीजा यह होता है कि व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से रिलैक्स महसूस करता है. आत्मविश्वास बढ़ता है, तनाव कम लगता है और व्यक्ति को नशे का एहसास होता है. लेकिन ठंड के मौसम में यह प्रक्रिया कुछ अलग ढंग से होती है.

Continues below advertisement

ठंड में शराब का नशा कम चढ़ने के पीछे विज्ञान

मेटाबोलिज्म धीमा होना: ठंड में शरीर का मेटाबोलिज्म सामान्य से धीमा हो जाता है. शरीर को अपनी भीतरी गर्मी बनाए रखने के लिए ज्यादा ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है. इस वजह से शराब का असर धीरे-धीरे महसूस हो सकता है.

रक्त प्रवाह में कमी: ठंडी हवा में शरीर रक्त प्रवाह को सतही हिस्सों की बजाय शरीर के अंदरूनी अंगों की ओर केंद्रित करता है. इसका मतलब यह हुआ कि शराब के तत्व पूरे शरीर में समान रूप से नहीं पहुंच पाते और नशा धीमा लगता है.

शराब से गर्मी का भ्रम: शराब पीते ही शरीर को तुरंत गर्मी का अहसास होता है, लेकिन यह भ्रम है. शराब वास्तविक शरीर तापमान को बढ़ाती नहीं बल्कि शरीर की सतह पर रक्त वाहिकाओं को फैलाकर गर्मी का एहसास देती है. इस वजह से बहुत से लोग सोचते हैं कि ठंड में शराब का असर कम होता है, जबकि यह सिर्फ शरीर का रिएक्शन है.

सर्दियों में ज्यादा शराब पीना खतरनाक

ठंड में शराब पीने से शरीर की सुरक्षा कमजोर हो जाती है. शराब के सेवन से शरीर का न्यूनतम तापमान घट सकता है, जिससे हाइपोथर्मिया (hypothermia) का खतरा बढ़ जाता है. खुले में शराब पीना या लंबा समय बाहर रहना विशेष रूप से खतरनाक है. शराब के कारण शरीर की चेतना और प्रतिक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे ठंड के कारण होने वाली समस्याओं का एहसास भी देर से होता है. इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सर्दियों में शराब का सेवन सीमित मात्रा में और गर्म, सुरक्षित वातावरण में करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: India Wedding Season: 44 दिन में होंगी 46 लाख शादियां, जानें कहां सबसे ज्यादा एक-दूजे के होंगे कपल्स?