Prisoners Food In Jail: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को आज जेल से बेल मिल गई है. वे पिछले 23 महीने से जेल में बंद थे. भारत की जेल में कैदियों की बात करें यहां कैदियों की जिंदगी नियम और अनुशासन के बीच गुजरती है, लेकिन खाने के मामले में अलग-अलग कैटेगरी के कैदियों के लिए भिन्नताएं देखी जाती हैं. 

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रिपोर्ट्स की मानें तो वीआईपी कैदियों को अक्सर सामान्य कैदियों की तुलना में बेहतर और पौष्टिक भोजन दिया जाता है, हालांकि यह जेल मैनुअल में आधिकारिक रूप से दर्ज नहीं होता है. इसके पीछे सुरक्षा और सुविधा के कारण कई अतिरिक्त व्यवस्थाएं भी शामिल होती हैं.

वीआईपी कैदियों को मिलने वाली सुविधाएं

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वीआईपी कैदियों सबसे पहली और महत्वपूर्ण सुविधा बेहतर खाना होता है. हाई-प्रोफाइल कैदियों को आमतौर पर हाई क्वालिटी वाला खाना परोसा जाता है. इसमें सामान्य रोटी-दाल-चावल के अलावा अंडा, दूध, मक्खन और कभी-कभी घर से मंगवाया हुआ भोजन भी शामिल हो सकता है. साथ ही, वीआईपी कैदियों को कई बार बेहतर सुरक्षा, अलग बैरक, प्राइवेट डॉक्टर और अधिक मुलाकात की अनुमति जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो यह व्यवस्था उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर की जाती है.

बीमार और गर्भवती कैदियों का आहार

जेल में किसी भी कैदी की बीमारी या विशेष स्थिति को कई बार नजरअंदाज नहीं भी किया जाता है. अगर कोई कैदी बीमार है और डॉक्टर ने उसके लिए खास कुछ खाने को कहा है, तो उन्हें जरूरी पोषण देने के लिए दूध, मक्खन, अंडे और हल्का खाना दिया जाता है. इसी तरह, गर्भवती महिलाओं को भी स्वास्थ्य और पोषण की दृष्टि से अच्छे भोजन की सुविधा मिलती है.

सामान्य कैदियों का भोजन

सामान्य कैदियों को दैनिक रूप से पौष्टिक लेकिन साधारण भोजन दिया जाता है. इसमें दाल, सब्जी, चावल और रोटी शामिल होती है, जो उनकी ऊर्जा और स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पर्याप्त मानी जाती हैं. हालांकि कई बार सुनने को मिलता है कि जेल का खाना ठीक नहीं होता है जैसे पानी की तरह दाल, खराब क्वालिटी के चावल जैसी चीजें भी परोस दी जाती हैं. खबरों की मानें तो कुछ जेलों में रविवार को खास भोजन दिया जाता है, जैसे कढ़ी, राजमा या अन्य स्थानीय व्यंजन, ताकि कैदियों को वीकेंड का छोटा सा बदलाव और राहत मिल सके.

घर के खाने की अनुमति

कई जेलों में यह भी देखा गया है कि कैदियों को घर से पका हुआ खाना मंगवाने की अनुमति मिलती है. हालांकि इसके लिए जेल प्रशासन से पहले अनुमति लेनी आवश्यक होती है. यह सुविधा भी मुख्यतः स्वास्थ्य या व्यक्तिगत परिस्थितियों को ध्यान में रखकर दी जाती है.

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