हमारे आसपास कई ऐसी चीजें होती हैं, जिनको कि हम रोज देखते हैं लेकिन हम उन पर ध्यान नहीं देते हैं. लेकिन बाद में जब हमें उनके बारे में पता चलता है तब इस बात का एहसास होता है कि ओह हमने इस पर पहले क्यों ध्यान नहीं दिया. आप जब भी हाईवे पर चलते हैं तो आपको सड़क किनारे पर लगे अलग-अलग रंग के पत्थर दिखाई देते होंगे. इन पत्थरों पर अलग-अलग डीटेल लिखी होती है. इनको ही मील का पत्थर कहा जाता है और ये अलग-अलग रंगों के होते हैं. लेकिन इनके रंगों का मतलब क्या होता है, चलिए जानें.

पीला माइलस्टोन

आपने ज्यादातर सड़कों पर जाते हुए पीले रंग का मील का पत्थर देखा होगा. इसको आप सिर्फ नेशनल हाईवे पर देख पाएंगे. इसका मतलब भी यही है कि आप नेशनल हाईवे पर जा रहे हैं. यह वो सड़क होती है जो कि केंद्र सरकार के अधीन होती है. इसका निर्माण और रख रखाव की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की होती है. 

काला या सफेद माइलस्टोन

जब आप किसी बड़े शहर या फिर जिले में एंट्री कर रहे होते हैं, तब आपको वहां पर काले और सफेद रंद का माइलस्टोन दिखाई देता है. इन रोडों की देखभार नगर निगम करता है. 

हरे रंग का मील का पत्थर

हरे रंग के मील के पत्थर की ज्यादातर देखभाल राज्य सरकार करती है. इस तरह के हाईवे का इस्तेमाल एक जिले से दूसरे जिले तक जाने के लिए किया जाता है. इस हाईवे में अगर कोई गड़बड़ी तो वह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उसे ठीक कराए.

ऑरेंज माइलस्टोन

नारंगी रंग का माइलस्टोन गांव में लगाया जाता है. जब भी आप किसी गांव में प्रवेश करेंगे तो आपको इसी रंग का माइलस्टोन देखने को मिलेगा. यह रंग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को दिखाया है.

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