Dharmendra Death:  बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और पूर्व सांसद धर्मेंद्र का दुखद निधन हो गया है. उनके निधन से पूरे बॉलीवुड में शोक का माहौल है. धर्मेंद्र की निजी जिंदगी हमेशा चर्चा में रही है. दो शादियों के कारण उनका पारिवारिक ढांचा अक्सर सुर्खियों में रहा है, लेकिन एक सवाल सबसे ज्यादा उभर कर सामने आया है कि कानून के मुताबिक उनकी सांसद पेंशन किसे मिलेगी? पहली पत्नी प्रकाश कौर को या दूसरी पत्नी हेमा मालिनी को? यह सवाल सिर्फ भावनाओं का नहीं, बल्कि कानूनी नियमों का मामला भी है. चलिए जान लेते हैं. 

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क्यों अवैध है धर्मेंद्र की दूसरी शादी?

भारत में सांसदों की पेंशन स्पष्ट नियमों के आधार पर दी जाती है. नियम सीधे तौर पर कहते हैं कि सांसद के निधन के बाद पेंशन का अधिकार उसकी कानूनी रूप से वैध पत्नी को मिलता है. यानी यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि पति ने जो विवाह किए, उनमें कौन-सा विवाह कानूनी रूप से मान्य है. धर्मेंद्र की पहली शादी साल 1954 में प्रकाश कौर से हुई थी. बाद में हेमा मालिनी से शादी करने के लिए धर्मेंद्र ने कथित तौर पर अपना धर्म बदलकर दूसरा विवाह किया था, क्योंकि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत बहुविवाह की अनुमति है. 

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कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यदि पहली पत्नी जीवित हो और पति बिना तलाक लिए दूसरा विवाह कर ले, तो हिंदू विवाह अधिनियम के तहत दूसरी शादी अवैध मानी जाती है.

किसे मिलेगी पेंशन

ऐसे मामलों में पेंशन का अधिकार पहली पत्नी को ही मिलता है, क्योंकि कानून के मुताबिक वह ही वैध जीवनसाथी होती है. दूसरी पत्नी को इस स्थिति में पेंशन का कोई अधिकार नहीं मिलता, जब तक कि शादी कानूनी रूप से प्रमाणित न हो.

लेकिन यह मामला यहीं खत्म नहीं होता है. सांसद पेंशन से जुड़े नियम CCS (पेंशन) रूल्स, 2021 के तहत भी आते हैं, जिनमें यह साफ उल्लेख है कि यदि किसी व्यक्ति की दो पत्नियां कानूनी रूप से वैध हैं, तो पेंशन बराबर यानी 50-50 हिस्सों में बांटी जाएगी. यह स्थिति केवल तब बनती है जब दोनों विवाह कानून के अंतर्गत सही हों. 

यदि दोनों पत्नियां वैध हों तो?

यहां दिलचस्प बात यह है कि अगर पति ने पहली पत्नी से तलाक ले लिया हो और दूसरी शादी उसी तलाक के बाद की गई हो, तो दोनों पत्नियां वैध मानी जाती हैं. ऐसे में पेंशन पहली पत्नी, दूसरी पत्नी और पहली पत्नी से जन्मे बच्चों के बीच समान रूप से बांटी जा सकती है. इसी तरह, अगर पत्नियों में से किसी की मृत्यु हो जाती है या वह कानूनी रूप से पेंशन पाने के योग्य नहीं रहती, तो उसका हिस्सा उसके बच्चों को दे दिया जाता है. यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि परिवार की जिम्मेदारी किसी एक व्यक्ति पर न रहे और अधिकार बराबर बांटे जा सकें.

धर्मेंद्र के मामले में नियम

धर्मेंद्र के मामले में इन नियमों को अक्सर बहस का हिस्सा बनाया जाता है, क्योंकि उनकी दोनों पत्नियों का सामाजिक दर्जा सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया जाता रहा है, लेकिन कानूनी तौर पर प्रकाश कौर ही धर्मेंद्र की वैध पत्नी हैं. भले ही धर्म परिवर्तन करके दूसरी शादी की जाए, लेकिन यदि पहली शादी हिंदू विवाह अधिनियम के तहत वैध रूप से पहले ही मौजूद हो, तो दूसरी शादी बिना तलाक के अवैध ही मानी जाती है.  ऐसे मामलों में पेंशन केवल पहली पत्नी को मिलती है. 

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