नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बीते दिन दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने नॉर्थ कैंपस स्थित डूसू अध्यक्ष ऑफिस में एनएसयूआई से जुड़े स्टूडेंट्स के साथ बातचीत की. लेकिन राहुल गांधी का यह दौरा विवादों में घिर चुका है. दिल्ली विश्वविद्यालय ने इसको लेकर आपत्ति जताई है और दोबारा ऐसा न किए जाने की हिदायत भी दी है. दिल्ली विश्वविद्यालय का कहना है कि इस तरह से अचानक राहुल गांधी का आना संस्था के प्रोटोकॉल का उल्लंघन है. 


छात्रों के साथ हुआ दुर्व्यवहार


विश्वविद्यालय का कहना है कि यह संस्थागत प्रोटोकॉल के उल्लंघन के साथ साथ छात्र और प्रशासन के कामकाज में भी बाधा डाली है. प्रॉक्टर कार्यालय ने जारी बयान में कहा है कि राहुल गांधी ने दूसरी बार इस तरीके का दौरा किया है. इस दौरान डूसू कार्यालय को सुरक्षा के घेरे में लिया गया था और किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं थी. डूसू सचिव को भी उनके ऑफिस में नहीं जाने दिया गया. दावा तो यह भी है कि कुछ छात्रों के साथ दुर्व्यवहार हुआ है. लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रोटोकॉल क्या है. 


क्या होता है प्रोटोकॉल


पब्लिक डोमेन में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोटोकॉल को लेकर कोई जानकारी नहीं है. जिस तरीके से राहुल गांधी पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया है उससे यह पता चलता है कि इसके लिए सबसे पहले तो विश्विविद्यालय को इस बात की जानकारी कुछ दिन पहले से देनी होती होगी कि किस तारीख को कौन से गेस्ट आ रहे हैं, वे किस कार्यक्रम के लिए आ रहे हैं. इसके अलावा वे कहां-कहां जाएंगे, किनसे-किनसे मिलेंगे और उनका कार्यक्रम लगभग कितनी देर का होगा. 


क्यों फॉलो किया जाता है प्रोटोकॉल


इन प्रोटोकॉल का पालन इसलिए किया जाता है कि इससे अतिथि की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, उनके आने से छात्रों की पढ़ाई में कोई खलल न पड़े. कार्यक्रम का इंतजाम पहले से किया जा सके और किसी तरह का कोई दुर्व्यवहार न हो, जैसा कि राहुल गांधी के अचानक दौरे से यह सब देखने को मिला है. 


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