Delhi Pollution: दिल्ली और मुंबई समेत तमाम बड़े शहरों में एक बार फिर प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है. पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण के स्तर में तेजी देखी गई है, जो आने वाले दिनों में और खतरनाक हो सकती है. इस समस्या के निपटने के लिए सरकारों की तरफ से तमाम तरह के कदम उठाए जा रहे हैं और लोगों, खासतौर पर बुजुर्गों को सलाह दी जा रही है कि वो जरूरी काम होने पर ही बाहर निकलें. सर्दियां शुरू होते ही प्रदूषण का कहर भी शुरू हो जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? हम आपको बताते हैं...

सर्दियों में कैसे बढ़ जाता है पॉल्यूशनदिल्ली में अक्टूबर से लेकर नवंबर के महीने में हर साल प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक लेवल तक पहुंच जाता है. इसकी वजह ये है कि सर्दियों में हवा का घनत्व बढ़ जाता है और तापमान गिर जाता है, इसके चलते प्रदूषण नीचे ही रह जाता है और स्मॉग के तौर पर दिखता है. कोहरे के साथ मिलकर प्रदूषण और तरह-तरह की गैस एक घातक मिश्रण बनाती है, जिससे लोगों को कई तरह की समस्या होती है. सर्दियों में हवा भी काफी कम चलती है, ऐसे में प्रदूषण लगातार बढ़ता रहता है.

गर्मियों में इसलिए रहता है कमगर्मियों में प्रदूषण आसानी से छंट जाता है, क्योंकि हवा में घनत्व काफी कम होता है और तापमान काफी ज्यादा होता है. इससे प्रदूषण के कण वातावरण के ऊपरी सतह तक चले जाते हैं. यानी प्रदूषण ज्यादा देर तक नीचे नहीं टिक पाता है. यही वजह है कि गर्मियों की तुलना में सर्दियों में पॉल्यूशन का लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इसके अलावा खेतों में पराली जलना भी इसका बड़ा कारण है, हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों में किसान इन महीनों में पराली जलाते हैं, जिससे स्मॉग की समस्या बढ़ जाती है.

दिल्ली में प्रदूषण से हर बार की तरह इस बार भी हालात काफी गंभीर होते जा रहे हैं, बताया जा रहा है कि लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं और सांस लेने की समस्या बता रहे हैं. खासतौर पर बुजुर्ग और बच्चों पर इसका काफी बुरा असर पड़ता दिख रहा है. 

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