Pollution Deaths In India: राजधानी दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात हैं, पॉल्यूशन का लेवल इस कदर बढ़ रहा है कि खुली हवा में सांस लेना भी मुश्किल है. एयर क्वालिटी इंडेक्स 1 हजार के पार पहुंच रहा है. जो सामान्य से 100 गुना तक ज्यादा है. इस जहरीली हवा से दिल्ली में रहने वाले लोगों की सेहत पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है. प्रदूषण यहां रहने वाले लोगों की उम्र लगातार कम कर रहा है. इसके नुकसान को लेकर रोज नई रिपोर्ट सामने आ रही हैं. आज हम आपको बता रहे हैं कि हर साल प्रदूषण भारत में कितनी लोगों की जान ले रहा है. 


लगातार जहरीली हो रही है हवा
हर साल अक्टूबर से लेकर जनवरी महीने तक प्रदूषण की समस्या रहती है, पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि दिल्ली में हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. बाहर निकलते ही लोगों को सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन होने लगती है. ना चाहते हुए भी लोग इस जहर को अपने शरीर के अंदर लेने के लिए मजबूर होते हैं, जो उनके शरीर को नुकसान पहुंचाता है. 


मौत के चौंकाने वाले आंकड़े
पिछले साल आई द लैंसेट कमीशन की एक रिपोर्ट में प्रदूषण से होने वाली मौतों को लेकर कई चौंकाने वाले आंकड़े दिए गए थे. जिनमें बताया गया था कि प्रदूषण के चलते हर साल करीब 90 लाख लोगों की मौत होती है. जिनमें 60 लाख से ज्यादा मौतें वायु प्रदूषण के चलते होती हैं. भारत को लेकर भी इस रिपोर्ट में आंकड़े दिए गए थे, रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत में एक साल में करीब 24 लाख लोगों की मौत के लिए प्रदूषण जिम्मेदार था. यानी रोज औसतन 6.5 हजार लोगों की मौत प्रदूषण से होने वाली बीमारियों की वजह से होती हैं. 


लैंसेट की इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि दुनियाभर में प्रदूषण से मरने वाले लोगों की संख्या ज्यादातर उन देशों से है, जहां गरीबी ज्यादा है. प्रदूषण से होने वाले आर्थिक नुकसान का सबसे ज्यादा असर कम आय वाली देशों पर ही होता है. 


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