दिल्ली में साल 2024 में सड़क हादसों में 1504 लोगों की मौत हो गई. ये ऐसे हादसे थे, जिनको ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए रोका जा सकता था. माना जा रहा है कि ज्यादातर केस हाई स्पीड, ड्रिंक एंड ड्राइव, ड्राइविंग के वक्त मोबाइल फोन का इस्तेमाल और पकड़े जाने और पिटाई के डर से भागने की वजह से हुए हैं. दिल्ली में सबसे ज्यादा हिट एंड रन के केस हैं. हाल ही में संडे को महिलपालपुर फ्लाईओवर के पास एक सिक्योरिटी गार्ड को एक एसयूवी ड्राइवर ने कुचल दिया और इसके बाद दिल्ली में होने वाले ऐसे हिट एंड रन केस की संख्या बढ़कर 503 हो चुकी है.
पिछले साल की तुलना में इतनी आई कमी
दिल्ली पुलिस द्वारा जारी किए गए डेटा की मानें तो साल 2023 से अब तक हिट एंड रन केस में 1500 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 666 लोग तो साल 2023 में ही हिट एंड रन से मर चुके हैं. साल 2024 में मृतकों की संख्या 644 थी और इस साल यानि अप्रैल 30 तक चार महीने में हिट एंड रन के जरिए मरने वालों की संख्या 190 है. इस डेटा की मानें तो औसतन दो लोगों की मौत हो गई है. साल 2023 से अब तक हिट एंड रन मामलों में घायल होने वालों की कुल संख्या 2810 है, यानि औसतन तीन लोग रोज एक्सीडेंट में घायल हो रहे हैं.
ज्यादातर केस ओवरस्पीड से हुए
हिट एंड रन मामले में साल 2023 में घायल होने वाले लोगों की संख्या 1275 रही है, वहीं साल 2024 में यह संख्या 1121 थी. इस साल हिट एंड रन केस में घायलों की संख्या 414 थी. इन सभी में ज्यादातर केस ओवरस्पीड को लेकर थे, जिसमें ड्राइवर ने गाड़ी पर से नियंत्रण खो दिया था. वहीं दूसरे केसेज में ड्रिंक एंड ड्राइव और मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए गाड़ी चलाने के भी मामले थे. ज्यादातर मामलों में केस के बाद ड्राइवर भाग जाते हैं, ताकि उनकी गाड़ी के नंबर से वे पकड़े न जाएं. हिट एंड रन केस में सबसे ज्यादा पैदल चलने वाले शामिल थे. इनकी संख्या 343 थी वहीं साल 2023 में 343 और साल 2024 में 309 लोग थे.
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