दिल्ली मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सुर्खियों में बना हुआ है. बुधवार को सीएम जब जनसुनवाई कर रही थीं तभी एक शख्स ने उनपर हमला कर दिया. घटना ने न केवल राजनीतिक गलियारों को हिलाकर रख दिया है बल्कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. बता दें कि भारत के राजनीतिक इतिहास में कई ऐसे बड़े मामले देखे गए हैं. जब बड़े-बड़े नेताओं की सरेआम हत्या कर दी गई. इस लिस्ट में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी समेत कई बड़े नाम शामिल हैं. लेकिन आज हम बात करेंगे उस घटना की जब देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री की हत्या बम विस्फोट के जरिए की गई थी. चलिए जानते हैं कौन हैं वो मुख्यमंत्री और क्या है घटना.
मुख्यमंत्री की हत्या से दहल उठा देश
दिल दहला देने वाली घटना पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के साथ हुई थी. 31 अगस्त 1995 का दिन भारत के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है, जब देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री की हत्या बम विस्फोट के जरिए की गई. यह घटना न केवल पंजाब बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा झटका थी क्योंकि यह पहली बार था जब किसी मुख्यमंत्री को इतने क्रूर और सुनियोजित हमले में मारा गया हो. बेअंत सिंह ने साल 1992 में पंजाब के मुख्यमंत्री का पद संभाला था उन्हें पंजाब में अलगाववादी ताकतों पर काबू करने के लिए जाना जाता था.
1992 में मुख्यमंत्री बने थे बेअंत सिंह बता दें कि पंजाब आजादी के बाद से ही समय-समय पर अलगाववादी आंदोलनों और हिंसा का गढ़ रहा था. 1980 और 1990 के दशक में पंजाब में अलगाववाद का दौर था. इस दौरान कई बार राष्ट्रपति शासन लागू हुआ. 1992 में हालात में सुधार के बाद विधानसभा चुनाव हुए. इन चुनावों में कांग्रेस ने जीत हासिल की और बेअंत सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री बने. बेअंत सिंह ने खालिस्तानी उग्रवाद को कुचलने के लिए कड़े कदम उठाए, जिससे अलगाववादी संगठनों में उनके खिलाफ गहरी नाराजगी थी. जानें कैसे हुई थी हत्या
उनकी नीतियों ने पंजाब में शांति बहाली में महत्वपूर्ण योगदान दिया, लेकिन यह उग्रवादियों के लिए चुनौती बन गया. घटना वाले दिन 31 अगस्त 1995 को बेअंत सिंह चंडीगढ़ में सचिवालय के बाहर अपनी बुलेटप्रूफ कार में बैठने वाले थे. तभी तेज धमाका हुआ. धमाका इतना जबरदस्त था कि आसपास का इलाका धूल और धुएं से भर गया. मुख्यमंत्री की कार के परखच्चे उड़ गए और उनके साथ 16 अन्य लोग भी मारे गए. धमाके की आवाज दूर-दूर तक सुनाई दी और चारों ओर खून और मांस के चिथड़े बिखर गए. हमलावर, जिसकी पहचान बाद में दिलावर सिंह के रूप में हुई एक मानव बम था. उसने अपने शरीर पर विस्फोटक बांध रखे थे और आत्मघाती हमले को अंजाम दिया. इस हमले ने न केवल बेअंत सिंह की जान ली बल्कि पंजाब के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को भी गहरे रूप से प्रभावित किया. इसे भी पढ़ें- दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता को कौन सी कैटेगरी की मिलती है सुरक्षा, कितने कमांडो रहते हैं तैनात