हाल ही में धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने कई पर्यटकों को गोली मार दी थी. इसकी जवाबी कार्रवाई में भारत की वीर सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत मासूमों की हत्या करने वाले आतंकियों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमला करके उनके ध्वस्त कर दिया था. इससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल बन गया था. इसके बाद से भारत सरकार आतंक फैलाने वाले आतंकियों और घुसपैठियों पर लगातार नजर बनाए रखी है.
इसी क्रम में भारत में कई ऐसे सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर को गिरफ्तार किया है, जो भारत में रहकर पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे थे. साथ ही एक सीआरपीएफ जवान भी गिरफ्तार हुआ है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारतीय सेना में गद्दारी करने पर कितनी सजा मिलती है.
सेना में गद्दारी करने का मतलब
सेना में गद्दारी का अर्थ राष्ट्र के प्रति निष्ठा का उल्लंघन होता है. यह तब होता है जब कोई व्यक्ति जानबूझकर दुश्मन देश की चुपके से सहायता करता है या राष्ट्र की रक्षा से संबंधित कोई सीक्रेट जानकारी लीक करता है. देश के साथ गद्दारी करना, पूरे राष्ट्र की सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न करना माना जाता है. इसके लिए भारतीय कानून व्यवस्था में गद्दार को गंभीर अपराधी माना गया है और इसके लिए कठोरतम दंड का प्रावधान है.
क्या मिलती है गद्दारी करने की सजा
भारतीय सेना में ऐसे कई मामले आ चुके हैं, जिसमें ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जो भारतीय सेना में रहकर दुश्मनों के लिए काम कर रहे थे. सबसे पहले अगर किसी सैनिक पर गद्दारी का आरोप लगता है तो कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के लिए एक जांच टीम गठित की जाती है. इसमें बयान दर्ज किए जाते हैं और रिपोर्ट तैयार की जाती है लेकिन इसमें सजा नहीं दी जाती है. इस रिपोर्ट के आधार पर उस जवान के खिलाफ कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू होती है इसमें उस सेना के कमांडिंग ऑफिसर चार्जशीट बनाते हैं फिर जनरल कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू होती है हालांकि, इसमें भी सजा का ऐलान नहीं होता है इसके बाद संबंधित कमांड को सजा के लिए प्रस्ताव भेजा जाता है और फिर उस सैनिक के खिलाफ सजा का ऐलान किया जाता है. इसमें आजीवन सजा से लेकर कई मामलों में मौत की सजा भी दी जा सकती है.
क्या-क्या चीजें नहीं मिलती हैं
एक बार कोई सेना में गद्दारी करते हुए पकड़ा गया तो दोषी सैनिक को सेना से निष्कासित कर दिया जाता है इस तरह सेना से उसकी सेवा समाप्त हो जाती है. एक बार सेवा समाप्त हुई उसके बाद भविष्य में मिलने वाले लाभ जैसे कि पेंशन, कैंटीन सुविधाएं और भूतपूर्व सैनिक को जो लाभ मिलता है वह उनको नहीं दिया जाता है. अगर उनकी सेवा समाप्त नहीं होती तो सैनिक की रैंक को घटा दिया जाता है उन्हें अपनी रैंक से नीचे की रैंक पर भेजा जा सकता है.
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