आपने बौनों की कहानी जरूर सुनी होगी. बचपन में हमें लिलिपुट नाम के एक टापू के बारे में खूब कहानियां सुनाई जाती थीं... जहां सिर्फ बौने ही बौने रहते थे. हमने कई फ़िल्में और वेब सीरीज भी देखी हैं,जहां बौनों का शहर दिखाया जाता है. लेकिन अब तक हमें यह सब सिर्फ काल्पनिक लगता था. हमने अपने आसपास बौनों को जरूर देखा है, लेकिन उनकी तादाद बेहद ही कम है. हालांकि, आज हम आपको पूरे एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां चारों तरफ बौने ही बौने हैं.


कहां है बौनों का गांव


बौनों का गांव ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से लगभग 75 किलोमीटर दूर एक जगह पर है, जिसका नाम माखुनिक है. इस गांव में आपको चारों तरफ बौने ही बौने नजर आएंगे. यहां बने घर भी बेहद छोटे हैं और उन घरों में लगे दरवाजे और खिड़कियां भी छोटी-छोटी हैं. गलती से अगर आप इस गांव में चले आए तो आपको लगेगा कि शायद आप इस धरती के सबसे लंबे इंसान हैं. कहा जाता है कि इस गांव में आज से नहीं बल्कि कई सौ साल पहले से बौने रहा करते हैं.


25 सेंटीमीटर लंबी मिली थी ममी


वैज्ञानिकों का मानना है कि इस गांव में जो लोग आज से सौ या डेढ़ सौ साल पहले रहा करते थे, उनकी लंबाई महज 50 सेंटीमीटर थी. कुछ लोगों की लंबाई तो इससे भी बेहद कम थी. साल 2005 में जब वैज्ञानिकों ने इस गांव में खुदाई की तो उन्हें यहां एक ममी दफ्न मिली, जिसकी लंबाई महज 25 सेंटीमीटर थी.


यहां सब की हाइट छोटी क्यों है


यहां रहने वाले ज्यादातर लोगों की हाइट छोटी होने के पीछे की वजह यहां के बंजर जमीन और खाने की कमी को बताया जाता है. इस गांव के सभी लोग पूरी तरह से शाकाहारी हैं. इस गांव के आसपास नाम मात्र की खेती होती है और पीने के लिए साफ पानी भी उपलब्ध नहीं है. वैज्ञानिकों का मानना है कि कम भोजन और कम पानी की वजह से इन लोगों के शरीर का विकास धीरे-धीरे रुकता चला गया और इनकी हाइट 50 सेंटीमीटर के आस पास आकर रुक गई.


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