Condoms: कंडोम के इस्तेमाल को लेकर दुनिया भर के की सरकारें कार्यक्रम चला रही हैं. लोगों को जागरुक कर रही हैं ताकि कपल संबंध बनाते वक्त कंडोम का इस्तेमाल कर सके. दुनिया में कुल आबादी के हिसाब से देखा जाए तो ब्राज़ील सबसे अधिक कंडोम का इस्तेमाल करने वाला देश है. जनसंख्या के लिहाज से देखें तो चीन नंबर वन पर है. भारत में भी कंडोम इस्तेमाल करने को लेकर जागरूकता देखी जा रही है. लोग संबंध बनाने से पहले कंडोम का इस्तेमाल करना प्रीफर कर रहे हैं. आइए समझते हैं, कंडोम का निर्माण कैसे किया जाता है और इसके निर्माण में अभी तक कौन से बदलाव देखे गए हैं. 

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ऐसे होता है तैयार

शुरुआत में कंडोम जानवरों की आंतों, मछली की झिल्लियों, जानवरों के सींगों, तेल से सने रेशमी कागज, कछुए के खोल, लिनन के कपड़े और भेड़ के चमड़े से तैयार किए गए थे. सबसे पहले ज्ञात कंडोम का निर्माण सुअर की आंत का उपयोग करके किया गया था. 16वीं शताब्दी तक, कंडोम मुख्य रूप से जानवरों की आंतों से बनाए जाने लगे थे, हालांकि उनका उत्पादन महंगा था. मिस्रवासियों को कंडोम का उपयोग शुरू करने, यौन संचारित रोगों से सुरक्षा के लिए लिनन के कपड़े का उपयोग करने का श्रेय दिया जाता है.

ऐसे हुआ था शुरुआत

सबसे पहले रोम में कंडोम का निर्माण लिनन के साथ-साथ भेड़ और बकरियों की आंतों या मूत्राशय से किया जाता था. रबर कंडोम का आगमन 1855 में हुआ, लेटेक्स कंडोम 1920 के दशक में सुलभ हो गए. कंडोम शब्द की उत्पत्ति के बारे में विरोधाभासी किंवदंती है. एक कथा के अनुसार, इस प्रकृति का एक गर्भनिरोधक कंडोम नामक व्यक्ति द्वारा इंग्लैंड के चार्ल्स द्वितीय के लिए बनाया गया था. आधुनिक कंडोम पहली बार 1870 में विकसित किया गया था.

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