चीन ने बुधवार को बीजिंग में अपनी अब तक की सबसे बड़ी सैन्य परेड का आयोजन किया. यह भव्य परेड द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर रखी गई थी. इस सैन्य परेड को चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति और आने वाले समय की रणनीतिक तैयारियों का प्रदर्शन माना जा रहा है. इस मौके पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने विशेष मेहमानों का स्वागत किया, जिनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन भी शामिल रहे. यह उपस्थिति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खास मायने रखती है.
चलिए ऐसे में सबसे पहले यह जान लेते हैं कि आखिर चीन, रूस और उत्तर कोरिया को क्या ऐसी चीज है जो कि कॉमन बनाती है, और क्या ये तीनों अगर चाहें तो दुनिया को सच में तबाह कर सकते हैं?
अमेरिका के विरोधी
दुनिया में जब कभी भी दो या दो से अधिक देशों के बीच में कोई युद्ध होता है तो परमाणु तनाव बढ़ने लगता है. चीन, रूस और उत्तर कोरिया की बात करें तो ये तीनों देश न सिर्फ परमाणु संपन्न हैं बल्कि अमेरिका और पश्चिमी देशों के खुले विरोधी भी माने जाते हैं. ताजा आंकड़ों की मानें तो इनकी मिलिट्री ताकत लगातार मजबूत हो रही है और यह वैश्विक सुरक्षा के लिए नई चुनौती बन चुकी है.
रूस के पास सबसे बड़ा जखीरा
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (SIPRI) की 2025 रिपोर्ट की मानें तो रूस के पास दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु भंडार है. रूस के पास कुल 5459 परमाणु वारहेड्स में से करीब 1718 तुरंत इस्तेमाल के लिए तैनात हैं. रूस अपने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल्स (ICBM) को लगातार अपग्रेड कर रहा है, जिनमें Sarmat, Yars और हाइपरसोनिक Avangard सिस्टम शामिल है. 2024 में रूस ने अपनी रक्षा पर 149 अरब डॉलर खर्च किए थे, जो कि उसके जीडीपी का 7% से ज्यादा है.
चीन की तेजी से बढ़ती ताकत
रूस के बाद चीन सबसे तेजी से परमाणु ताकत बढ़ा रहा है. SIPRI के अनुसार 2024 से 2025 के बीच चीन के परमाणु वारहेड्स की संख्या 500 से बढ़कर 600 तक पहुंच गई है. रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिकी रक्षा विभाग का अनुमान है कि अगले दशक में चीन के पास 1000 से ज्यादा वारहेड्स हो सकते हैं. इसके अलावा चीन ने हाल ही में 350 नए मिसाइल सिलोज बनाना शुरू किया है, जिनमें DF-41 ICBM जैसे आधुनिक हथियार तैनात किए जाएंगे. चीन का सैन्य बजट 2024 में 314 अरब डॉलर रहा, जो कि अमेरिका के बाद दुनिया में सबसे बड़ा है.
छोटा लेकिन बड़ा खतरनाक है उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया की ताकत भले ही रूस और चीन की तरह न हो, लेकिन उसका अप्रत्याशित रवैया दुनिया के लिए बड़ा खतरा है. दुनिया में हर कोई उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के रवैये से परिचित है. ऐसे में अनुमान है कि प्योंगयांग के पास लगभग 50 परमाणु वारहेड्स हैं और उसके पास उतना प्लूटोनियम व यूरेनियम भी है जिससे 40 और वारहेड्स बनाए जा सकते हैं. किम जोंग-उन लगातार बैलिस्टिक और इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल टेस्ट कर रहे हैं. हाल ही में लॉन्च हुई Hwasong-18 मिसाइल इसकी परमाणु डिलीवरी क्षमता को और मजबूत बनाती है.
फिर शीत युद्ध की ओर बढ़ सकती है दुनिया?
रूस का सबसे बड़ा परमाणु जखीरा, चीन का तेजी से होता विस्तार और उत्तर कोरिया का आक्रामक रवैया, यह तिकड़ी मिलकर अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए अब तक की सबसे बड़ी रणनीतिक चुनौती बन चुकी है. रिपोर्ट्स की मानें तो अगर ये तीनों देश एक-दूसरे को और मजबूत करते रहे तो आने वाले सालों में दुनिया एक नए कोल्ड वॉर की ओर बढ़ सकती है.
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