पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर दुनियाभर में पाकिस्तान की फजीहत हो रही है. लेकिन पाकिस्तानी मंत्री हैं कि भारत को युद्ध के लिए गीदड़भभकी देने से बाज नहीं आ रहे हैं. पाकिस्तानी मंत्री के परमाणु युद्ध की धमकी देने के बाद अब वहां रे रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने एक बार फिर से इस्लामाबाद में दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि हमने अपनी सेनाओं को मजबूत कर लिया है, क्योंकि अब हम युद्ध की स्थिति को समझते हैं. ऐसी परिस्थिति में कुछ रणनीतिक फैसले लेने होते हैं और वो हम ले चुके हैं. पाकिस्तान के सेना प्रमुखों ने सरकार को भारत के आक्रमण की संभावना को लेकर सूचित किया है.
जाहिर है कि आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर युद्ध की संभावना बढ़ गई है. लेकिन यहां पर जानने वाली बात यह है कि अगर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध होता भी है तो क्या सरकारें आम नागरिकों को दुश्मन देश के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूर कर सकती हैं. आइए इसका जवाब जान लेते हैं.
आम नागरिकों को युद्ध लड़ने पर मजबूर कर सकती है सरकार?
युद्ध होने पर कुछ देशों में सरकारें आम नागरिकों को लड़ने के लिए मजबूर कर सकती हैं. लेकिन इसके लिए कुछ कानूनी और संवैधानिक प्रक्रियाएं होती हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है. जब देश में युद्ध की परिस्थिति चल रही हो तब सरकारों को अधिकार होता है कि वे आम नागरिकों को सेना में शामिल करने के लिए बाध्य करें. हालांकि कुछ देशों में यह अधिकारा संविधान में मौजूद होता है, इसको सैन्य सेना के रूप में भी जाना जाता है.
भारत में इसके लिए क्या है नियम
जिन देशों में आम लोगों को युद्ध के समय अनिवार्य रूप से युद्ध लड़ने के लिए बाध्य किया जाता है, उनको अनिवार्य सैन्य सेवा कहा जाता है. इस स्थिति में सरकार कुछ उम्र के लोगों को सेना में शामिल करने के लिए मजबूर कर सकती है, इसमें कम उम्र के लोग शामिल किए जाते हैं. हालांकि कुछ देशों में यह अनिवार्य नहीं है और नागरिक अपनी मर्जी से सेना में शामिल होते हैं. इसी तरह से भारत में अनिवार्य सैन्य सेवा का कोई प्रावधान नहीं है. यहां सेना में स्वेच्छा हो सकते हैं. लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा या फिर युद्ध की परिस्थिति में सरकार को आम लोगों को सेना में शामिल करने का अधिकार है. यह संवैधानिक है और कानूनी रूप से मान्य है.
इसके लिए वैसे तो यह कहना सही है कि सरकारें युद्ध की परिस्थिति में आम नागरिकों को लड़ने के मजबूर कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए कुछ नियम कानून होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है.
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