आपने भारत-पाकिस्तान या फिर भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर अवैध घुसपैठ की खबरें तो सुनी ही होंगी. कई बार घुसपैठियों को गिरफ्तार किया जाता है तो कई बार सेना के जवान उन्हें गोली मारकर ढेर कर देते हैं. इसमें सबसे ज्यादा घुसपैठ पाकिस्तान और बांग्लादेश बॉर्डर से ही होती हैं, जहां सेना के जवान हमेशा चौंकन्ना रहते हैं और घुसपैठियों पर नजर बनाए रखते हैं. अब सवाल यह है कि क्या सेना के जवान बॉर्डर पार करने वाले किसी भी शख्स को गोली मार सकते हैं? इसको लेकर नियम क्या है? चलिए जानते हैं...
भारत सात देशों के साथ अपनी जमीनी सीमाओं को साझा करता है. इनमें पाकिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश और अफगानिस्तान शामिल हैं. इसके अलावा भारत की समुद्री सीमाएं श्रीलंका और मालदीव के साथ मिलती हैं. भारत के लगभग सभी बॉर्डर पर सेना के जवान तैनात रहे हैं, जो अवैध घुसपैठ को तो रोकते ही हैं साथ ही सीमाओं की सुरक्षा भी करते हैं. हालांकि, कुछ सीमाएं सबसे ज्यादा सेंसटिव हैं, जहां से अवैध घुसपैठ का खतरा बना रहता हैं. इसमें सबसे ज्यादा संवेदनशील पाकिस्तान से मिलने वाला बॉर्डर है.
क्या है नियम?
पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा पर सबसे ज्यादा घुसपैठ का खतरा बना रहता है. ऐसे में इन देशों के साथ मिलने वाली सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) को दी गई है. दोनों देशों से मिलने वाली सीमाओं पर अगर कोई घुसपैठ होती है तो सेना के जवान घुसेपैठियों को वापस जाने की चेतावनी देते हैं. इसके बाजवूद अगर वे नहीं रुकते हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जाता है. हालांकि, चेतावनी के दौरान गोलीबारी करने वाले या फिर हथियार लेकर अवैध तरीके से बॉर्डर पार करने वालों को तुरंत गोली मारने का अधिकार भी सेना के जवानों के पास रहता है.
चीन सीमा पर क्यों नहीं चलती गोली?
अब आप सोच रहे होंगे कि घुसपैठियों को गोली मारने का आदेश क्या सिर्फ पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा पर ही है? क्योंकि बीते कुछ सालों में चीन सीमा पर भी गतिरोध की कई खबरें सामने आई हैं, लेकिन वहां कभी गोलीबारी नहीं हुई. बता दें, भारत और चीन के बीच ऐसा एक समझौते के तहत किया जाता है. दोनों ही देशों ने सीमाओं की निगरानी के लिए मापदंड तय किए हैं. इसके तहत किसी भी परिस्थिति में दोनों ओर से गोली नहीं चलाई जाएगी. आपने देखा होगा जब भी चीन सीमा पर गतिरोध की खबर आती है तो सेना के जवानों के बीच झड़प ही होती है. वहां गोली नहीं चलती है. जबकि पाकिस्तान के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं है.
नेपाल, भूटान और म्यांमार सीमा पर क्या होता है?
अब सवाल है कि क्या नेपाल, भूटान और म्यांमार सीमा पर चेकिंग नहीं होती? दरअसल, इन देशों में लोग आसानी से एक-दूसरे के देश में जा सकते हैं. इसके पीछे इन देशों के साथ समझौता है. हालांकि, इन देशों के साथ भी मिलने वाली सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाती है और यहां पर भी जवानों की तैनाती होती है. इन सीमाओं से सबसे ज्यादा खतरा तस्करी का होता है, ऐसे में सेना के जवान और पुलिस इन बॉर्डर पर तस्करों पर खास नजर रखती है.
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