हाल ही में मध्य प्रदेश के एक केस में सुप्रीम कोर्ट ने यह सवाल उठाया कि क्या कोई व्यक्ति राइफल से अपने सीने में गोली मारकर आत्महत्या कर सकता है. क्या ऐसा संभव है? ये सवाल एक सुनवाई के दौरान उठा जिसमें यह तय करना था कि मामला हत्या है या आत्महत्या? चलिए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला और इसपर एक्सपर्ट क्या कहते हैं.

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क्या है पूरा मामलायह घटना भोपाल की एक शूटिंग अकादमी से जुड़ी है, जहां एक 17 साल के नाबालिग प्रशिक्षु ने राइफल से अपने सीने में गोली मारकर आत्महत्या की ऐसा पुलिस का दावा है. मृतक ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें अकादमी के कुछ छात्रों को जिम्मेदार ठहराया गया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संदेह जताया और पूछा कि क्या राइफल जैसे लंबे हथियार से कोई अपने सीने में गोली मार सकता है. कोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस से हलफनामा मांगा, जिसमें राइफल की लंबाई, जब्ती और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जैसे तथ्यों की जानकारी देने को कहा.

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?फोरेंसिक विशेषज्ञों के अनुसार, राइफल से अपने सीने में गोली मारकर आत्महत्या करना तकनीकी रूप से बहुत मुश्किल और लगभग असंभव माना जाता है. इसका कारण राइफल की लंबाई है, जो आमतौर पर 40 से 45 इंच होती है. इतने लंबे हथियार को अपने सीने पर टिकाकर ट्रिगर दबाना शारीरिक रूप से बेहद कठिन है. एक विशेषज्ञ ने बताया कि राइफल का बैरल लंबा होने के कारण इसे सीधे सीने से सटाकर ट्रिगर तक पहुंचना असंभव है.

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सुप्रीम कोर्ट के संदेह की ये है वजह इसके विपरीत, पिस्तौल या रिवॉल्वर जैसे छोटे हथियारों से ऐसा करना संभव हो सकता है, क्योंकि उनकी लंबाई कम होती है. फोरेंसिक साइंस के तथ्यों के अनुसार, आत्महत्या के मामले में गोली के घाव का कोण और हथियार की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण होती है. अगर गोली का कोण और हथियार की पोजीशन आत्महत्या के दावे से मेल नहीं खाती, तो यह हत्या की संभावना को दर्शाता है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी आधार पर इस मामले में गहन जांच की मांग की है जिससे यह पता चल सके कि यह आत्महत्या थी या हत्या. क्योंकि खुद के सीने पर गोली मारकर आत्महत्या करना लगभग असंभव है.

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