केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को फाइनेंशियल ईयर 2025-26 को बजट पेश करेंगी. बता दें कि ये मोदी सरकार के तीसरे टर्म का दूसरा बजट है. लेकिन क्या आपके मन में भी ये सवाल आता है कि एग्जाम की तरह बजट भी लीक हो सकता है? जी हां, आपने कई बार सुना होगा कि बोर्ड एग्जाम समेत कई एग्जाम के पेपर लीक हो जाते हैं. लेकिन क्या बजट लीक हो सकता है? आज हम आपको इसका जवाब देंगे.

1 फरवरी को होगा बजट पेश

पीएम नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का 2025-2026 का बजट केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करेंगी. बता दें कि 2024 में लोकसभा चुनाव के कारण बजट जुलाई महीने में पेश किया गया था. गौरतलब है कि पीएम मोदी की सरकार बनने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई 2024 को मोदी 3.0 कार्यकाल का पहला बजट पेश किया था. 

क्या बजट हो सकता है लीक?

बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से बजट बनाने की प्रकिया बेहद गोपनीय होती है. अगर बजट किसी भी तरीके से लीक होता है, तो इसका असर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार पर भी पड़ता है. अब सवाल ये है कि क्या बजट पेश होने से पहले लीक हो सकता है? इसका जवाब है, ये बेहद मुश्किल है. लेकिन हां, इतिहास में ऐसा दो बार हो चुका है. जब बजट पेश होने से पहले दो बार लीक हुआ था.

कब-कब हुआ बजट लीक?

आजाद भारत के इतिहास में दो बार बजट लीक हुआ है. दरअसल आजाद भारत का पहला बजट 1947-1948 को पेश किया गया था. उस समय वित्त मंत्री आरके षणमुखम चेट्टी थे. जो ब्रिटिश समर्थक जस्टिस पार्टी से जुड़े हुए थे. उस समय बजट पेश होने से पहले ब्रिटेन के वित्त मंत्री ह्यूग डाल्टन ने भारत के बजट में टैक्स से जुड़े बदलावों के बारे में पहले ही मीडिया को बता दिया था.जिसके बाद बजट भाषण से पहले ही बजट से जुड़ी खबरों को पत्रकार छाप चुके थे. इसके बाद ब्रिटेन के वित्त मंत्री ह्यूग डाल्टन को इस्तीफा देना पड़ा था.  इसके अलावा दूसरी बार 1950 में जॉन मथाई भारत के वित्त मंत्री थे. उस समय भी देश का बजट पेश किया जाना था, जिसको लेकर सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थी. लेकिन तभी बजट के लीक होने की खबर सामने आई थी, इस गलती के कारण जॉन मथाई को इस्तीफा देना पड़ा था.

बजट लीक होने के बाद बदली जगह

बता दें कि आजाद भारत के बाद पहले राष्ट्रपति भवन में जहां बजट प्रिंट होता था. लेकिन बजट लीक होने के बाद प्रिटिंग की जगह बदलने के अलावा कोई रास्ता नहीं था. वहीं इसके बजट छपने की परंपरा ही बदल गई थी. इस घटना के बाद बजट की छपाई नई दिल्ली के मिंटो रोड शिफ्ट करनी पड़ी थी. इसके बाद 1980 में भी एक बार फिर छपाई की जगह बदली गई और बजट नॉर्थ ब्‍लॉक (वित्त मंत्रालय) के बेसमेंट में छपने लगा था.

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