BSF Day: आज एक दिसंबर है, यानी बीएसएफ डे. 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद इसी दिन बीएसएफ की स्थापना हुई थी. बीएसएफ यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स हिंदी में इसे सीमा सुरक्षा बल कहते हैं. इसके नाम से ही जाहिर होता है कि इस फोर्स का काम देश की सीमाओं की सुरक्षा का है. आज इस आर्टिकल में हम आपको इस फोर्स से जुड़ी हर अहम जानकारी देंगे, इसके साथ ही आपको बताएंगे कि आखिर बीएसएफ काम कैसे करती है और ये इंडियन आर्मी से कितनी अलग है. इसके साथ ही आपको बताएंगे कि आखिर इंडियन आर्मी के होते हुए इस फोर्स को बनाने के पीछे की वजह क्या थी.


बीएसएफ कैसे काम करती है


जैसा की हमने ऊपर बताया बीएसएफ का काम देश की सीमा सुरक्षा का है. बीएसएफ भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा, भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ-साथ नक्सल विरोधी अभियानों में भी तैनात रहती है. इनके अलावा बीएसएफ को अरब सागर में सर क्रीक और बंगाल की खाड़ी में सुंदरबन डेल्टा जैसी भौगोलिक स्थितियों में भी सुरक्षा के लिए लगाया जाता है. हालांकि, इन सीमाओं की रक्षा बीएसएफ अकेले नहीं करती. इसके साथ इंडियन आर्मी के जवान भी होते हैं. बीएसएफ चार विंग में काम करती है. इसमें,  एयर विंग, समुद्री विंग, आर्टिलरी रेजिमेंट और कमांडो विंग होती है. इसके अलावा इसका नियतंत्रण गृह मंत्रालय के अंतर्गत होती है.


इसमें और भारतीय सेना में क्या अंतर होता है


ऐसे देखा जाए तो दोनों फोर्स देश की सुरक्षा के लिए ही काम करते हैं. लेकिन बीएसएफ सिर्फ पीस टाइम के दौरान ही सीमाओं की सुरक्षा करती है. जबकि भारतीय सेना का काम युद्ध के दौरान मोर्चा संभालने का होता है. बीएसएफ के जवान देश की सीमा के अंदर ही ऑपरेशन कर सकते हैं, जबकि भारतीय सेना के जवान क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन भी करते हैं. वहीं सुविधा की बात करें तो भारतीय सेना के जवानों को बीएसएफ के जवानों के मुकाबले ज्यादा सुविधाएं मिलती हैं. रैंक के मामले में भी दोनों एक दूसरे अलग हैं. जैसे भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट, मेजर, कर्नल, ब्रिगेडियर, मेजर जर्नल जैसे पद शामिल होते हैं, वहीं बीएसएफ में पोस्ट कांस्टेबल, हैड कांस्टेबल, एएसआई, डीएआई, आईजी जैसे पद होते हैं.


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