दिवाली के बाद दिल्ली की हवा फिर से जहरीली हो गई है. आज यानी 21 अक्टूबर की सुबह भी राजधानी के ज्यादातर इलाकों में हवा की क्वालिटी बहुत खराब से गंभीर श्रेणी में रही थी. वहीं बर्कले अर्थ की रिपोर्ट के अनुसार दिवाली के बाद इस समय दिल्ली की हवा में सांस लेना ऐसा है जैसे कोई इंसान रोजाना करीब 11.1 सिगरेट पी रहा है. दरअसल बर्कले अर्थ के अनुसार दिल्ली में पिछले 24 घंटे में हवा में मौजूद पीएम 2.5 के लेवल को देखते हुए एक व्यक्ति की सांसे ऐसे प्रभावित हो रही है, जैसे वह हर दिन करीब 11 सिगरेट पी रहा हो. वहीं इसका हिसाब अगर हफ्ते के अनुसार लगाया जाए तो यह 77.7 सिगरेट के बराबर होगा. इसके अलावा अगर इसे महीने में गिना जाए तो यह आंकड़ा करीब 333 सिगरेट के बराबर पहुंच जाता है. यानी दिल्ली की हवा में रहना ही शरीर को उतना नुकसान पहुंचा रहा है, जितना सिगरेट पीने से होता है.
कितनी खराब है देश के दिल की हवा?
दिवाली के समय देश के दिल यानी दिल्ली की हवा इतनी खराब हो गई है, दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में पहले नंबर पर आ गया है. वहीं दूसरे नंबर पर इस समय लाहौर है. इसके अलावा दिल्ली की खराब हवा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सोमवार को दिल्ली के लगभग सभी मॉनिटरिंग सेंटर में प्रदूषण का लेवल रेड जोन में दर्ज किया गया. वहीं इन रेड जोन में सबसे खराब हवा वजीरपुर की रही, यहां 423 AQI दर्ज किया गया. इसके बाद द्वारका में 417 AQI, आनंद विहार में 404 AQI और अशोक विहार में भी 404 AQI रिकॉर्ड किया गया है. इसके अलावा दिल्ली के कुल 36 मॉनिटरिंग स्टेशनों में भी लगभग सभी पर हवा की गुणवत्ता बहुत खराब से गंभीर श्रेणी में रही थी. वहीं दिल्ली ही नहीं बल्कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद की हवा भी बहुत खराब स्थिति में है. गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में AQI 353, लोनी में 333, गुरु गुरुग्राम की ग्वाल पहाड़ी पर 369 और सेक्टर 51 में 348 AQI दर्ज किया गया. वहीं आज सुबह यानी 21 अक्टूबर के आंकड़ों के अनुसार देश के 494 वायु गुणवत्ता स्टेशनों के आंकड़ों में दिल्ली के बवाना की हवा सबसे खराब रही, जहां AQI 427 तक पहुंच गया था.
4 साल में सबसे ज्यादा प्रदूषण वाली दिवाली
आंकड़ों के अनुसार पिछले 4 सालों में इस दिवाली पर सबसे ज्यादा प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया है. दिवाली के बाद हवा में इतनी ज्यादा धूल, धुंआ मिल चुका है कि लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं सामने आने लगी है. वहीं दिवाली को लेकर पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और दिल्ली एनसीआर में केवल ग्रीन पटाखे जलाने और तय समय में पटाखे फोड़ने की अनुमति दी थी, लेकिन लोगों ने कोर्ट के आदेश की अनदेखी की और रात भर पटाखे फोड़ने से दिल्ली की हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ गई.
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