Bihar Elections: बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और इस बार फिर से आसमान से प्रचार का नजारा देखने को मिलेगा. बड़े-बड़े नेताओं की रैलियों और जनसभाओं में तेजी से पहुंचने का सबसे आसान तरीका बन गया है हेलीकॉप्टर यानी उड़न खटोला. जैसे-जैसे चुनावी माहौल गर्म हो रहा है, राजनीतिक दलों ने हेलीकॉप्टरों की बुकिंग शुरू कर दी है ताकि वे एक ही दिन में कई जिलों में रैलियां कर सकें. आइए जानें कि चुनाव प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर कैसे बुक कर सकते हैं और इसमें एक घंटे के लिए कितना खर्चा आता है.
कैसे बुक होते हैं हेलीकॉप्टर
जानकारी के मुताबिक, बिहार स्टेट हैंगर से इस चुनावी मौसम में हर दिन करीब 20 हेलीकॉप्टर उड़ान भरेंगे. बीजेपी, कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू समेत तमाम बड़े दल अपने शीर्ष नेताओं के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लेने की तैयारी में हैं. चुनावी प्रचार के दौरान पार्टियां आम तौर पर 45 से 60 दिनों के अनुबंध पर हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों के साथ समझौता करती हैं. इस समझौते में यह तय होता है कि हर दिन हेलीकॉप्टर को न्यूनतम कितने घंटे उड़ान भरनी होगी. इससे ऑपरेटरों की आमदनी तय रहती है और पार्टियों को भी रैलियों के समय हेलीकॉप्टर की उपलब्धता की गारंटी मिलती है.
कौन देता है हेलीकॉप्टर सेवा
भारत में चुनाव के दौरान हेलीकॉप्टर किराये पर देने वाली प्रमुख कंपनियों में पवन हंस, हेलिगो चार्टर्स और ग्लोबल वेक्टरा हेलिकॉर्प लिमिटेड (GVHL) का नाम शामिल है. इन कंपनियों के पास मिलाकर लगभग 13 से 15 हेलीकॉप्टर होते हैं, जो चुनाव के मौसम में पूरी तरह बुक हो जाते हैं. इसके अलावा कुछ छोटी कंपनियां भी हैं, जो 2 से 4 हेलीकॉप्टर किराये पर देती हैं.
कितना होता है एक घंटे का किराया
चुनाव के समय हेलीकॉप्टर की मांग इतनी बढ़ जाती है कि उसका किराया भी आसमान छूने लगता है. आम दिनों की तुलना में चुनाव के दौरान किराया 40 से 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर का किराया आम तौर पर 1 से 2 लाख रुपये प्रति घंटा होता है. वहीं, डबल इंजन या ट्विन इंजन हेलीकॉप्टर, जो 8 सीटर होते हैं, उनका किराया 3 से 4 लाख रुपये प्रति घंटा तक पहुंच जाता है. अगर किसी ऑपरेटर के पास 4 से 5 हेलीकॉप्टर हैं, तो वह दो महीने के चुनावी सीजन में ही 20 से 25 करोड़ रुपये तक कमा सकता है. जबकि आम दिनों में यही कंपनियां प्रति माह 40 से 45 घंटे की उड़ान भरती हैं और लगभग आधी कमाई होती है.
राजनीतिक दल हेलीकॉप्टर के लिए रोज कितना करते हैं खर्च किसी भी पार्टी या नेता को हेलीकॉप्टर किराए पर लेते समय केवल उड़ान का चार्ज ही नहीं देना पड़ता, बल्कि GST और अन्य खर्चे भी जोड़ने पड़ते हैं. चुनावी सीजन में जो भी दल रोज हेलीकॉप्टर बुक करते हैं, उन्हें हर दिन कम से कम 3 घंटे का फ्लाइंग चार्ज देना होता है, साथ ही 18% GST भी देना पड़ता है.इस हिसाब से एक हेलीकॉप्टर के लिए किसी भी राजनीतिक दल को रोजाना करीब 11 लाख रुपये का खर्च उठाना पड़ता है.
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