Bihar Assembly Elections: बिहार की सियासत में आज आधी आबादी यानी महिलाओं की भूमिका बहुत अहम हो गई है. अब महिलाएं सिर्फ वोट देने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि चुनावों में हार-जीत तय करने वाली किंगमेकर बन चुकी हैं. यही वजह है कि हर पार्टी महिलाओं को लुभाने के लिए योजनाओं की झड़ी लगा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हों या विपक्ष में बैठी कांग्रेस और राजद हर किसी की नजर महिलाओं के वोट बैंक पर है.
एक तरफ नीतीश सरकार ने रोजगार, उद्यमिता और पेंशन जैसी योजनाओं में महिलाओं को प्राथमिकता दी है तो दूसरी ओर विपक्ष ने महिलाओं को हर महीने नकद सहायता देने का वादा किया है. अब सवाल उठता है कि कौन-सी पार्टी महिलाओं को सबसे ज्यादा आर्थिक मदद देने का वादा कर रही है और किसकी योजना सबसे बेस्ट है तो आइए जानते हैं..
1. नीतीश कुमार की महिला रोजगार योजना - नीतीश सरकार ने हाल ही में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की है, जो कि बिहार की 75 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का बड़ा प्रयास है. महिलाओं के बैंक खाते में 10,000 सीधे भेजे जाएंगे. जब महिलाएं इस राशि से रोजगार शुरू कर लेंगी और अच्छा प्रदर्शन करेंगी, तो उन्हें 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी. वहीं ग्रामीण विकास विभाग को इसके लिए 20,000 करोड़ का बजट दिया गया है. इसका उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना, पलायन रोकना और गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है.
2. महागठबंधन की माई बहिन मान योजना - बिहार में विपक्ष भी पीछे नहीं है. कांग्रेस पार्टी ने महिलाओं को सीधे आर्थिक सहायता देने का बड़ा वादा किया है. कांग्रेस ने माई बहिन मान योजना के तहत हर जरूरतमंद महिला को हर महीने 2500 देने का ऐलान किया है. इसके तहत 2500 रुपये हर महीने महिलाओं के बैंक खाते में भेजे जाएंगे. इसके लिए मिस्ड कॉल नंबर जारी कर महिलाओं से गारंटी फॉर्म भरवाया जा रहा है. इसके अलावा महिलाओं में 5 लाख सैनिटरी पैड बांटे जाएंगे. बता दें, माई बहिन मान योजना का आइडिया सबसे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने दिया था, लेकिन उन्होंने इसे कभी औपचारिक रूप से लागू नहीं किया. कांग्रेस ने बाजी मारते हुए इसे पहले घोषित कर दिया और प्रचार में तेजी ला दी.
3. जन सुराज ने किया महिलाओं से पेंशन का वादा - जन सुराज के प्रशांत किशोर ने बिहार के बेगूसराय में एक बड़ी घोषणा की है, जो खास तौर पर महिलाओं और बुजुर्गों के लिए राहत भरी खबर है. उन्होंने अपने जन संवाद के दौरान साफ कहा कि अगर जनता का साथ मिला और जनता की सरकार बनी तो दिसंबर 2025 से राज्य के हर 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग महिला और पुरुष को 2000 प्रति महीने पेंशन दी जाएगी.
चुनावी असर क्या होगा?बिहार में 3.5 करोड़ से ज्यादा महिला मतदाता हैं. इतनी बड़ी संख्या में अगर महिलाएं किसी एक पार्टी के पक्ष में वोट करती हैं, तो चुनाव की तस्वीर ही बदल सकती है. नीतीश सरकार की योजनाएं लंबी रणनीति पर आधारित हैं. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, समाज में उनका सम्मान बढ़ाना है. वहीं विपक्ष की योजनाएं भी शॉर्ट टर्म राहत की तरह वोट खींचने में असरदार हो सकती हैं.