Bihar Election Result 2025: बिहार चुनाव की काउंटिंग जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे अलीनगर सीट का रोमांच भी चरम पर पहुंच गया है. हर राउंड में तस्वीर बदलती दिख रही है और इसी बीच सबसे ज्यादा चर्चा में हैं लोक गायिका से नेता बनी मैथिली ठाकुर. सवाल यह कि क्या मंच की चमक उन्हें विधानसभा तक पहुंचा पाएगी, और अगर पहुंचा भी दे, तो क्या विधायक की कमाई उनके स्टेज शोज से ज्यादा होगी? काउंटिंग के बीच इसी दिलचस्प तुलना ने चुनावी माहौल और गर्म कर दिया है, आइए जान लेते हैं.

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किस सीट से चुनाव लड़ रही हैं मैथिली ठाकुर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की काउंटिंग चल रही है और 243 सीटों पर जैसे-जैसे रुझान साफ हो रहे हैं, वैसे-वैसे अलीनगर विधानसभा सीट देशभर में सुर्खियों का केंद्र बनी हुई है. दरभंगा जिले के अंतर्गत आने वाली यह सीट इस बार सिर्फ राजनीतिक मुकाबले की वजह से नहीं, बल्कि एक स्टार उम्मीदवार की वजह से भी चर्चा में है, लोकप्रिय लोक गायिका मैथिली ठाकुर. बीजेपी ने इस बार उन पर दांव लगाया है, जबकि आरजेडी ने अपने अनुभवी नेता बिनोद मिश्रा को मैदान में उतारकर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है.

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बीजेपी को मिल रही बढ़त

काउंटिंग के शुरुआती रुझानों में जहां बीजेपी 130 सीटों के आसपास बढ़त बनाए हुए दिख रही है, वहीं एनडीए भी कुल मिलाकर काफी मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है. ऐसे में यह सवाल और ज्यादा दिलचस्प हो गया है कि क्या अलीनगर में भी मैथिली ठाकुर अपनी लोकप्रियता को वोटों में बदल पाएंगी. क्या गाने गाकर मैथिली ठाकुर जितना कमाती हैं, उससे ज्यादा कमाई विधायक बनकर होगी?

गायकी से मैथिली ठाकुर की कमाई

मैथिली ठाकुर आज देश-विदेश में पहचाना जाने वाला नाम बन चुकी हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक वह एक महीने में 12 से 15 लाइव शो करती हैं. उनके एक शो की फीस 5 लाख से 7 लाख रुपये के बीच होती है. ऐसे में अगर औसत निकाला जाए, तो वह महीने के 60 से 80 लाख रुपये तक आराम से बना लेती हैं. सालाना यह कमाई 7 से 9 करोड़ रुपये के बीच बैठती है. यानी साफ है कि मनोरंजन जगत की दुनिया उनके लिए सिर्फ पहचान नहीं, बल्कि एक बड़ी आर्थिक मजबूती भी रही है.

विधायक बनने पर कमाई कितनी?

बिहार में एक विधायक की बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है. इसके ऊपर कई तरह के भत्ते मिलते हैं, जिनमें क्षेत्रीय भत्ता 55,000 रुपये, दैनिक बैठक भत्ता 3000 रुपये, पर्सनल असिस्टेंट भत्ता 40,000 रुपये, स्टेशनरी भत्ता 15,000 रुपये शामिल है. इन सबको जोड़ें तो एक MLA की मासिक कमाई लगभग 1,43,000 रुपये से भी अधिक हो जाती है. लेकिन असली कमाई सिर्फ इससे नहीं, बल्कि उन सुविधाओं से होती है जो विधायक पद के साथ आती हैं.

एमएलए को मिलने वाली सुविधाएं 

बिहार के विधायक को कई ऐसी सुविधाएं मिलती हैं जो आर्थिक मदद से कहीं अधिक प्रभावशाली होती हैं. जैसे- सालाना 4 लाख रुपये तक रेल/हवाई यात्रा कूपन, 25 लाख रुपये तक का वाहन लोन, पूर्व विधायक होने पर 45,000 रुपये मासिक पेंशन, हॉस्पिटैलिटी भत्ता 29,000 रुपये, सुरक्षा, सरकारी आवास, रियायती बिजली-पानी फोन बिल, सरकारी अस्पताल में विशेष उपचार सुविधा मिलती है.

यानी MLA की कमाई भले ही मनोरंजन जगत जितनी न हो, लेकिन सत्ता, सुविधा और समाज में खास पहचान इस पद को बेहद शक्तिशाली बनाती है.

तो किससे मिलेगी ज्यादा कमाई?

सीधा जवाब यह है कि मैथिली ठाकुर की गायिकी की कमाई विधायक की सैलरी और सुविधाओं से कई गुना ज्यादा है. लेकिन विधानसभा पहुंचना न सिर्फ कमाई, बल्कि प्रभाव, पहुंच और पब्लिक सर्विस की नई दुनिया का दरवाजा खोलता है. 

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