पाकिस्तान से बलूतिस्तान की आजादी के लिए जंग लड़ रही सशस्त्र समूह बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाक के सोराब शहर पर अपना कब्जा जमा लिया है. बीते शुक्रवार को इस समूह ने ऐसा दावा किया कि इसके लड़ाके सोराब शहर में बैंकों और पुलिस स्टेशन समेत सरकारी प्रतिष्ठानों पर भी काबिज हो गए हैं. बलोच लड़ाकों का कहना है कि सिर्फ तीन घंटे के ऑपरेशन में इस शहर पर कब्जा जमा लिया गया है. यहां समझने वाली बात यह है कि आखिर बलूच के लड़ाके इतने ताकतवर कैसे हैं, आखिर वे किन तरीकों के हथियारों का इस्तेमाल करते हैं जिससे पाकिस्तान की नाक में दम हो चुका है.
अमेरिका के हथियार इस्तेमाल करते हैं बलूच?
कुछ वक्त पहले बलूच लिबरेशन फ्रंट ने एक पोस्टर रिलीज किया था, जिसमें बलूच विद्रोहियों के हाथ में हथियार दिख रहे थे. इन हथियारों को देखने के बाद पाक आर्मी को सकते में आ गई थी. बलूचियों के पास कुछ हथियार ऐसे हैं जो कि अमेरिकी और रूसी इस्तेमाल करते हैं. जब भी बलूच के लड़ाके पाकिस्तान में कहीं पर कब्जा करने की कोशिश करते हैं या आतंक मचाते हैं तो सबसे पहले उनके हथियारों की ही बात की जाती है. इस बीच यह सवाल भी उठ चुका है कि क्या तालिबान ने BLA और TTP के लड़ाकों को वो हथियार दे दिए हैं, जो कि अमेरिका अफगानिस्तान में छोड़ गया था.
कहां से होती है हथियारों की खरीद
पाक अधिकारी हमेशा से बलूच के लड़ाकों पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि उनके पास अत्याधुनिक नाइट-विजन गॉगल्स, स्नाइपर राइफल्स और अन्य अत्याधुनिक हथियार हैं. ऐसा माना जाता है कि बलूच सेना के लड़ाके ईरान और अफगानिस्तान में संचालित काले बाजार से हथियारों की खरीद करते हैं. इसके अलावा वो M240B मशीन गन का इस्तेमाल करते हैं. इसका इस्तेमाल अमेरिका में मनीर कॉर्प्स के द्वारा किया जाता है. यह मशीन गन से चलती है और इसमें एक बार में 500 से 950 राउंड फायर किए जाते हैं. इसमें 7.62 मिमी नाटो कारतूस इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी रेंज 2 किलोमीटर तक होती है.
कौन से हैं मुख्य हथियार
इसके अलावा M16A4 राइफल गन का भी इस्तेमाल करते हैं. इसे भी मरीन कॉर्प्स इस्तेमाल करते हैं. इसमें 20-30 राउंड मैग्जीन आती है और एक बार में 700 से 950 राउंड फायर हो सकते हैं. बलूच के लड़ाके RPG-7 लॉन्चर का भी इस्तेमाल करते हैं, जिसे रूस ने बनाया है. इसे पहली बार 1961 में सोवियत संघ ने इस्तेमाल किया था. आज कई देशों की सेना इसका इस्तेमाल करती है. इसे कंधे पर रखकर लॉन्च किया जाता है.
यह भी पढ़ें: क्या तालिबान की तरह पूरे पाकिस्तान पर कब्जा कर सकती है बलोच आर्मी, कितना मुश्किल होगा शरीफ सरकार का तख्तापलट?