Assam Polygamy Ban: असम में एक से ज्यादा शादियों पर रोक लगाने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. असम पॉलीगैमी प्रोहिबिशन बिल 2025 हाल ही में असेंबली में पास हुआ है. इस बिल के तहत अब धर्म की परवाह किए बिना एक से ज्यादा बार शादी करना पूरी तरह से गैरकानूनी हो चुका है. यानी कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत भी असम में अब एक से ज्यादा शादियों की इजाजत नहीं है. इस डेवलपमेंट के साथ अब यह एक सवाल स्वाभाविक रूप से बन चुका है कि असम में एक से ज्यादा शादियों की प्रथा कितनी ज्यादा आम थी और भारत में यह प्रथा किस राज्य में सबसे ज्यादा है.
असम में एक से ज्यादा शादियों की प्रथा
2019-21 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के मुताबिक असम में एक से ज्यादा शादी करने की प्रथा 2.4% दर्ज की गई. यह 1.4% के नेशनल एवरेज से काफी ज्यादा है. राज्य के अंदर यह पैटर्न अलग-अलग कम्युनिटी में अलग-अलग पाया गया है. असम में हिंदू महिलाओं में यह प्रथा 1.8% की है जबकि मुस्लिम महिलाओं में यह 3.6% तक पहुंच जाती है.
भारत के किस राज्य में पॉलीगैमी रेट सबसे ज्यादा
वैसे तो असम के नंबर ज्यादा लग सकते हैं लेकिन सबसे ज्यादा पॉलीगैमी रेट मेघालय का है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के डेटा के मुताबिक 6.01% महिलाएं पॉलीगैमी वाले घरों में रहती हैं. कुल मिलाकर नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में भारत के बाकी हिस्सों की तुलना में इस प्रथा का काफी ज्यादा प्रचलन है. मिजोरम में यह रेट 4.01%, सिक्किम में 3.9% और अरुणाचल प्रदेश में 3.7% का है. ये रेट नेशनल एवरेज से काफी ज्यादा हैं. यह प्रधा राज्यों में आम आदिवासी कल्चर प्रेक्टिस से जुड़ी हुई है खासकर शेड्यूल ट्राइब कम्युनिटी में. यहां पर पॉलीगैमी ट्रेडिशनल कुछ सोशल सिस्टम का भी हिस्सा थी.
नॉर्थ ईस्ट में पॉलीगैमी आम क्यों है
नॉर्थ ईस्ट भारत में 1 से ज्यादा शादी के ज्यादा होने की बड़ी वजह वहां का ट्राइबल डेमोग्राफिक स्ट्रक्चर है. कई ट्राइबल रीति रिवाज में पहले से ही सोशल, इकोनॉमिक या फिर खानदान से जुड़ी वजह से एक से ज्यादा शादी को मान्यता दी जाती थी. हालांकि मॉडर्न लीगल फ्रेमवर्क ने इस प्रथा को काफी ज्यादा कम कर दिया है लेकिन इसके बावजूद भी कुछ इलाकों में यह पुरानी परंपरा अभी भी मौजूद है. असम का नया कानून पर्सनल लॉ रिफॉर्म में एक बड़ा मोड़ है. धार्मिक पहचान की परवाह किए बिना एक से ज्यादा शादी पर ऑफीशियली बैन लगाने के बाद जेंडर इक्वलिटी और सोशल रिफॉर्म पर एक बड़ा फैसला लिया गया है. हालांकि असम में एक से ज्यादा शादी के मामले ज्यादा हैं, लेकिन मेघालय, मिजोरम, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में यह नंबर अभी भी काफी ज्यादा है.
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