America Venezuela Conflict: अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव इस समय बढ़ता ही जा रहा है. दरअसल, हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने कैरेबियन सागर में वेनेजुएला का एक तेल टैंकर जब्त कर लिया, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए. अमेरिका इसे अपनी बड़ी कार्रवाई मान रहा है जबकि वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने इसे अपनी संप्रभुता पर हमला बताया है.
इस बीच रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी खुलकर मादुरो के समर्थन में आ गए हैं, जिससे स्थिति और संवेदनशील हो गई है. इसके बाद बड़ा सवाल यह उठने लगा है कि अगर दोनों देशों में युद्ध छिड़ता है तो किसकी ताकत भारी पड़ेगी. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि वेनेजुएला से अमेरिका कितना ताकतवर है और दोनों देशों में अगर जंग छिड़ी तो कौन बाजी मारेगा.
वेनेजुएला से कितना ताकतवर अमेरिका?
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के अनुसार, अमेरिका दुनिया की नंबर वन सैन्य शक्ति है. इसका पावर इंडेक्स 0.0744 है, जबकि वेनेजुएला इस लिस्ट में 50 वें स्थान पर है और उसका स्कोर 0.8882 है. इसके अलावा अमेरिका के पास 13 लाख से ज्यादा एक्टिव सैनिक हैं और करीब 8 लाख रिजर्व फोर्स है. वहीं वेनेजुएला के पास सिर्फ 1.09 लाख नियमित सैनिक और 8 हजार रिजर्व हैं. ऐसे में अमेरिका की सेना वेनेजुएला की सेना से कई गुना आगे हैं.
अमेरिका और वेनेजुएला की एयर फोर्स
फिलहाल अमेरिका के पास 13,000 से ज्यादा एयरक्राफ्ट हैं, जिसमें दुनिया के सबसे अत्याधुनिक स्टेल्थ फाइटर F-22 और F-35 शामिल हैं. इसके मुकाबले वेनेजुएला के पास सिर्फ 229 एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें पुराने रूसी Su-30 और पुराने अमेरिकी F-16 शामिल है. वहीं वेनेजुएला के कई विमान तो रखरखाव के अभाव में उड़ान भरने की हालत में भी नहीं हैं. इसके अलावा अमेरिका के पास 5,500 से ज्यादा टैंक, लाखों आर्मर्ड व्हीकल और आधुनिक रॉकेट सिस्टम मौजूद हैं. वेनेजुएला की सेना के पास ऐसे आधुनिक हथियार बहुत कम है और ज्यादातर हथियार पुराने हो चुके हैं. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना भी रखता है. अमेरिका की नौसेना के बेड़े में 11 परमाणु चालित एयरक्राफ्ट कैरियर, सैकड़ों युद्धपोत और मिसाइल डिस्ट्रॉयर शामिल है. वहीं वेनेजुएला के पास सिर्फ 34 छोटे नौसैनिक पोत है, जिनकी की क्षमता तटीय सुरक्षा तक सीमित है.
क्या वेनेजुएला अमेरिकी हमले का कर सकता है सामना?
वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो ने सेना को अलर्ट पर रखा है और रिजर्व मिलिशिया को ट्रेनिंग दी जा रही है. वहीं रूस ने भी हथियार और तकनीक की मदद भेजी है. लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो सीधी जंग की कंडीशन में वेनेजुएला की सेना अमेरिका के कमजोर पड़ सकती है. क्योंकि अमेरिका की सैन्य ताकत वेनेजुएला पर काफी भारी पड़ेगी.
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